मन उदास है , कोई ना पास है। ना कोई आस है, ना कोई प्यास है। थका है तन मन, है दिल में उलझन। बोझ लगे है जीवन, है खुद से ही अनबन। हैं आशाएं टूटी, हैं दिलासाएं झूठी। किस्मत है रूठी, खुशियां भी रूठी। पास हैं खजाने, ना जीने […]

यह कोई जरूरी तो नहीं रमाबाई का जिकरा करना मैं एक बार हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय मैं सर्टिफिकेट कोर्स के पेपर देने के लिए गया हुआ था वहां पर मुझे करीब 20 रोज रुकना पड़ा जिस घर में मैं रुका था वह घर दिलशाद अहमद का घरता मैं तो जब […]

वाणी ऐसी बोलिए जो सबके मन को सुहाय सुनने मे मीठी लगे गैर भी अपना हो जाए कटु वाणी दूरी बढ़ाती मन मे वैमनस्य बढाती शांति का हरण करती क्लेश भी बढ़ता जाए तनाव रहित जीवन हो परचिंतन होने न पाये चिंतन करते रहे प्रभु का सुख ही सुख हो […]

अखिल भारतीय गुरुकुल एवं गौ शाला अनुसंधान संस्थान के द्वारा गांधीनगर के सामाजिक कार्यकर एवं हिंदी गुजराती कवि लेखक अनुवादक और इंडियन लायंस गांधी नगर स्वर्णिम क्लब के उपाध्यक्ष तथा महात्मा गांधी साहित्य मंच गांधीनगर के अध्यक्ष श्री डॉ गुलाब चंद पटेल को गुजरात के अध्यक्ष पद पर नियुक्‍त किया […]

झिलमिल में ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के गूगल समूह पर अब साहित्यनामा भी। अपनी भाषा द्वारा प्रधानमंत्री जी को पत्र महाप्रबंधक महोदय दिल्ली मेट्रो निगम नई दिल्ली विषय – दिल्ली मेट्रो द्वारा हिंदी की उपेक्षा का विरोध। महोदय पिछले दिनों दिल्ली मेट्रो ने प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर सुप्रीम […]

ज़माना मुझे आजमाता गया मगर मैं हमेशा मुस्कुराता गया मुझे जो समझ लें वो मिलते नहीं ग़मों को अकेला उठाता गया सभी दोस्त मेरे ,न दुश्मन कोई मिला जो गले से लगाता गया लबों पर हँसी की अदाएँ रखे, ग़ज़ल मैं नई गुनगुनाता गया ज़रा मस्तियाँ देख अंदाज में ज़माने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।