पांडव हारे खेल में, द्रोपदि दाव लगाइ। चीर हरण बेटी भयो, मोहन लाज बचाइ।। गंगा सुत भीषम भये, भारत के इतिहास। भीषण प्रण पूरण करी, जीवन पाया त्रास।। अंबा अंबे अंबिका, तीनों बेटी खान। बेटी त्यागन कारणे, भीषम दीने प्राण।। विदुराणी के छीलके, खाये थे भगवान। करमाबाई खीचड़ो, भोग लगायो […]
