पसंद नहीं वर्षा के दिन नहीं भाती पूस की रात मिट्टी का घर है उसका निर्धनता है उसकी ज़ात श्रम की अग्नि में जब वह पिघलाता है कृशकाय तन तब उपार्जन कर पाता है अपने बच्चों के लिए भोजन उसकी छोटी-सी भूल पर भी उठ जाता सबका उस पर हाथ […]

समान नागरिक संहिता, गौ रक्षा, समान न्याय और निःशुल्क कानूनी सहायता, प्रत्येक व्यक्ति को काम व शिक्षा जैसे अनेक प्रावधान संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में वर्णित हैं। किन्तु, इस संबंध में सार्थक पहल चिर-प्रतीक्षित है। इनके अभाव में देश में साम्प्रदायिक उन्माद, कट्टरता व देश विरोधी गतिविधियों को प्रोत्साहन […]

आज समग्र राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा है। गण का अर्थ है समूह। भारत की शासन व्यवस्था जनतांत्रिक है। लेकिन जनता सीधे शासन नहीं करती बल्कि उसके चुने हुए प्रतिनिधिगण संविधान के अनुसार शासन करते हैं। 26 जनवरी 1950, आज ही के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसलिए […]

सुनो मेरे देशवासियों, मनाने जा रहे, 72व गणतंत्र दिवस, कुछ संकल्प ले लो। नहीं करेंगे कोई भेदभाव, हम जाती और धर्म पर। समान भाव सबके प्रति, हम सब मिलकर रखेंगे। तभी हमारा ये देश, दिखेगा विश्व में विशेष।। हमें इस पर है अभिमान, और इसे बहुत है हमें प्यार। इसलिए […]

आओ तुम्हें वीर देश की एक कथा सुना ऊ सच्ची वीरता को आंखो दिखलाऊं। जहा राम , कृष्ण , परशुराम हुए। जिसमे वीर विक्रमादित्य, चन्द्रगुप्त, समुद्रगुप्त अशोक महान हुए। शकों , यवनों के काल हुए। हर्षवर्धन, प्रथ्विराज चौहान हुए पूरे जग में जैसा हुआ नहीं, शब्द भेदी बाण हुए। कूटनीति […]

झूठ हारता सदा जगत मे सच की होती सदा ही जीत जो सच की राह पर चलता बन जाते सब उसी के मीत सच को कभी न आंच आती झूठ फिरती है जान बचाती झूठ से मिलता अंधकार सदा सच से मिलता प्रकाश सदा सच से बड़ी कोई शक्ति नही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।