बापु तुम्हारी पुण्यतिथि पर तुमको क्या मै बताऊं, आज तिरंगा रो रहा है किस किस को मै समझाऊं । नाम किसानों का लेकर ये झंडा खालिस्तानी फहराते, शोरगुल व तोड़ फोड़ कर अपनी बाते मनवाना चाहते। अब तो तुम्हारे तीनों बंदर भी गूंगे बहरे अंधे हो गए है, सत्य अहिंसा […]
