बहुत सोच विचार कर लेखक कवि लिखते है। अपने दिलके अल्फाजो को अपनी कलम से लिखते है। जो पाठकों के चेहरो पर मुस्कान ले आती है।। कभी अपनी कमियों को तो कभी समाज की कमियों को। वो अपनी लेखनी से सदा उजागर करते हैं। और उन क्रूतियों को समाज से […]

सुनीता ने एक बार फिर आईने में अपने आपको देखा । सफेद बालों की एक लट उसके गाल से टकरा रही थी ‘‘तुम्हारी जो बालों की लट हैं न वो मेरे अधिकारों का हनन करती है’’ । ‘‘कैसे……………’’ ‘‘भला उसे क्या अधिकार कि वो तुम्हारे गालों पर यूं आवारा सी […]

जो सत्य की राह पर चलता है उसुलो की चासनी मे पकता है झूठ से कभी नही डरता है वही राजा हरिश्चंद्र बनता है जो परमात्मा को मानता है परमात्म राह अपनाता है परमात्म मत पर चलता है वही परमात्म सुख पाता है आओ हरिश्चंद्र हम बन जाये जनता के […]

कैंसर की ये बीमारी , जान लेती है हमारी। डसे नागिन सी ये हमको, इसका हर दंश है भारी। आए छुपते छुपाते ये, ना कोई शोर है करती। भनक लगे जब हमको, अंतिम वार ये करती। तन का खून है चूसे, लूटे दौलत हमारी ये। बुझाती दीप जीवन का, करती […]

भीड़ और भेड़ों में कोई अंतर नहीं दोनों ही अंधी होती हैं आंखें होते हुए भी … इनको टिटकारी मारो / बस थोड़ा सा उकसाओ बगैर कुछ सोचे – समझे कूद पड़ती हैं मरने, मारने के लिए । आजकल भीड़ बहुत बढ़ती जा रही है अंध भक्तों के रूप में, […]

जनसरोकारों को भूल गए है राजा स्वहित साध रहे है स्वयं पांच लाख वेतन पा रहे है जनता को महंगाई से रुला रहे है किसान कंगाली मे बदहाल है व्यापारी बेचारा तंगहाल है गरीब की गरीबी बढ़ती जा रही उनकी अमीरी आकार बढ़ा रही आर्थिक असमानता मुहं चिढ़ा रही समाज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।