मैं केवल कोशिश करता हूँ धर्म  मार्ग पर  चलने  की, मैं केवल कोशिश करता हूँ दुखियों के दुःख हरने की। मेरी कोशिश सदा यही कि, मुझसे  सकल जहां  हँसे, मैं केवल कोशिश करता हूँ रवि की भांति विचरने की ll    मैं केवल कोशिश करता हूँ नित्य नया कुछ कर […]

चुम्बन लिया है जब से तेरा, सीखी है प्रीत की नई परिभाषा l रूह से रूह का मिलन हुआ है, बढ़ी है जीने की अभिलाषा…l अंधेरी रातें रोशन होंगी, अपने इश्क़ के उजियारे से l कस के थामेंगे हाथ ऐसे, जो कभी न छूटे तूफानों में…l एक दूसरे में खोकर […]

मैं जातक हूँ हिन्दुस्तां का, है वतन मेरा साकी भारत। माँ-बाप ने दे जन्म जहाँ, सब गुण सिखला जहाँ तहां के। बन गुरू ज्ञान का पाठ दिया, बतलाए पथ सब जनता के। उस देश के हैं पर देशी सब, बन ताकत मित्र सहायक जो। हर पग पर राह दिखाते हैं, […]

ख़ामोशी भी क्या गजब ढाने लगी। लब है चुप पर आँखें चिल्लाने लगी॥ है हवाओं में घुला कैसा जहर। साँस चलने से भी घबराने लगी॥ ज़ुल्म भी अब आ चुका अंजाम तक। सिसकियाँ अब ज़ोर दिखलाने लगी॥ आँखों से तेरी जो कुछ बूँदें गिरी। बन लहर वो मुझ से टकराने […]

बंधन प्यार का स्वीकार कीजिए, एक दूजे को सदा प्यार कीजिए। छोड़ो भी जाति धर्म की लड़ाई, किसी का न तिरस्कार कीजिए। वंदन दिलों के रिश्ते दिलों से जोड़ लो, न टूटे भरोसा ऐतबार कीजिए। मान करो सदा सम्मान करो, इज्जत न किसी की तार-तार कीजिए। बिखेर कर खुशियां बनी […]

टूट गई है मेरी हिम्मत, पस्त हो गया हौंसला। कितनी मुश्किल से जोड़कर, बुना था एक घोंसला। ख्वाब का ताना-बाना बुनकर, खड़ा किया एक आशियाना। जिंदगी के इम्तिहान ने, कर दिया चकनाचूर लेकिन, मैं भी लाचार और बेबस नहीं। कर लो चाहे जितना भी मजबूर, मैं गिरूंगा उठूंगा,फिर सम्भलूंगा। जोड़ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।