इंदौर। हिन्दी भाषा के लिए साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश शासन द्वारा अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार के लिए चयनित मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा महावीर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कविता प्रतियोगिता में महू, मध्य प्रदेश के श्री धीरेन्द्र कुमार जोशी विजेता रहे। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन […]

हिन्दी लेख माला के अंतर्गतडॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में शिक्षा और चिकित्सा की जितनी दुर्दशा है, उतनी तो कुछ पड़ोसी देशों में भी नहीं है। ये दो क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें यदि भारत सरकार जमकर पैसा लगाए और ध्यान दे तो भारत दुनिया के विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में अगले […]

हिन्दी लेख माला में डॉ वेदप्रताप वैदिक जी के लेख ◆ डॉ. वेदप्रताप वैदिक भाजपा सरकार ने मानव-संसाधन मंत्रालय नाम बदलकर उसे फिर से शिक्षा मंत्रालय बना दिया, यह तो अच्छा ही किया लेकिन नाम बदलना काफ़ी नहीं है। असली सवाल यह है कि उसका काम बदला कि नहीं? शिक्षा […]

संस्कार देती है साहित्यिक पत्रकारिता : गिरीश पंकज इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित हुआ सम्मान समारोह इंदौर। देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘वीणा’ (इंदौर) के संपादक राकेश शर्मा को मीडिया विमर्श परिवार द्वारा रविवार को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित सम्मान समारोह में 15वें पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय […]

स्व इच्छा पर नियंत्रण करना है, कोई सरल कार्य नहीं। साम्राज्य को त्याग कर , कहीं निर्जन में चले जाना, कोई आसान नहीं। सत्य और अहिंसा का मार्ग, अपनाना और प्रशस्त करना है कोई आसान नहीं। अज्ञान का अंधकार हरण कर, ज्ञान का दीपक प्रज्जवलित करना है कोई आसान नहीं। […]

ऑटिज़्म जागरुकता दिवस (2 अप्रैल) विशेष परिवर्तन प्रकृति का नियम है और स्वीकृति उस परिवर्तन का आगाज़। ऐसी ही कुछ स्वीकृति और जागरुकता की आवश्यकता है, ऑटिज़्म के प्रति भी। ऑटिज़्म मानसिक विकलांगता नहीं हैं, अपितु मस्तिष्क में न्यूरोलोजिकल असामान्य परिस्थित से उत्पन्न अवस्था है। न्यूरोलोजिकल डिसऑर्डर से तात्पर्य है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।