ये चाक जिगर के सीना भी जरूरी है कुछ रोज़ खुद को जीना भी जरूरी है ज़िंदगी रोज़ ही नए कायदे सिखाती है बेकायदे होके कभी पीना भी जरूरी है सब यूँ ही दरिया पार कर जाएँगे क्या सबक को डूबता सफीना भी जरूरी है जिस्म सिमट के पूरा ठंडा […]
आँगन में आ गई दुपहरी हवा हो गई सुर्ख़ सुई सी पेड़ के पत्ते भी सूख रहे चकमक चकमक धूप रूई सी अलसाये पत्ते डोल रहे भेद मौसम का खोल रहे ठंडी हवा कूलर बन बैठी पक्षी भी ये बोल रहे हाड़ तोड़ गर्मी है पड़ती कमरतोड़ काम को लादे […]
शब्द शब्द में ब्रह्म हो , शब्द शब्द में हो सार | शब्द सदा ऐसा कहो, जिससे उपजे हो प्यार || शब्दों में जरा मीठापन हो , उसमे कभी न हो खार | शब्दों से सब रिश्ते बनते , शब्दों से मिलता है दुलार || शब्दों से होते लड़ाई झगड़े […]
दिल लगता नही, अब तेरे बिना। कैसे धड़क रहा है, अब तेरे बिना। मुझको पता नहीं हैं, ये क्यो धड़क रहा। तुम मेरे दिल में, क्यों बस गए हो? अब तुम ही तुम, साथ रहते हो। कसम से तुम्हारी, मुझे कुछ नहीं पता। क्या कर दिया तुमने, मेरी दिल रुबा। […]
सुन्दर दोहा लीजिए, सुन्दर भाव बनाय। तेरह ग्यारह मात्रिका, चरणों वार लगाय। चरणों वार लगाय, चरण अंतिम दोहे का। रोला छन्द बनाय, चरण पहला रोले का। पहला दोहा शब्द, अंत रोले के अन्दर। भरें भाव भरपूर, बने कुण्डलिया सुन्दर। . …..बाबू लाल शर्मा प्रथम दो पंक्ति दोहा (१३,११ ) दोहे […]
सबके लिए मर्यादा अपनाना जरूरी है सबके लिए सदाचार में बंधना बहुत जरूरी है जो चाहते है अपने लिए वही दीजिए दुसरो को खुद सम्मान पाने से पहले दुसरो को देना जरूरी है चाहते हो भला अपना कीजिए भलाई पहले खुद का पेट भरने से पहले दुसरो का भरना जरूरी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।