दिया मुझे शिक्षकों ने, हर समय बहुत ज्ञान। तभी तो पढ़ लिख सका, और कुछ बन पाया हूँ। इसलिए मेरी दिल में, श्रध्दा के भाव रहते है। मैं जो कुछ भी हूँ आज, उन्ही के कारण बन सका। मैं उनके चरणों में, झुकता हूँ शीश अपना।। जीवन में शिक्षा का, […]

जय दधीचि , भारतीय संस्कृति उत्सवों और महोत्सवों की संस्कृति है। पुनीत पावन पूजनीय यह भारत की भूमि है। ये अवतारों की भूमि है ये भूमि संस्कारो की भूमि है, सारी देव सत्ता अनेकों रूपो में यहा पर विद्यमान है भारत भूमि पर जन्म लेना ही इस बात का प्रमाण […]

जन्म लेते ही तुम मिली थी मुझे देखते ही तुम्हारी बांछे खिली रखती थी मुझे दिल से लगा के अपने आँचल से दूध पिला के लात भी मेरी तुम सहती थी उफ तक नही कभी कहती थी छींक जब कभी मुझे आ जाती परेशान तुम बहुत हो जाती थी मेरे […]

शिक्षक दिवस विशेष……….. ज़िन्दगी के हर मोड़ पर कुछ न कुछ सीखा मैंने उन मिलने वालों से जो कहीं न कहीं मुझे जीवन मे एक शिक्षक एक गुरु के रूप में मिले।शिक्षक शब्द का विश्लेषण करें तो ये भी हो सकता है .. शि ,,से जिसने शिक्षा दी , यह […]

वतनवालो तुमको है ये पैगाम करो चंद लम्हे उन वीरो के नाम …… उतरे है जो खरे हमारी हसरत पर बहाया है लहू वतन की सरहद पर दिले गहराई से आवो करे उन्हे सलाम वतनवालो…… …… बिस्मिल,अश्फाक की वो सरफरोश बोली “आजाद”,लाजपत की वो खून की होली दो उन यादो […]

जिंदगी में हमने की बहुत गलतियां। पर मुझे समझ आहि ही नहीं। मांगू माफ़ी मैं कौनसी गलती की। जिस का मुझे पता ही नहीं।। कितनी मुश्किलें हैं मेरे जीवन में। खुद मेरे जीवन को पता नहीं। जिस को मैनें दिल से चाहा । जबकि उसको तो पता ही नहीं।। कब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।