है इश्क तो “इजहार ए वफा” कीजिए । यूं खामोश रहकर न हमें परेशां कीजिए । कभी तो बैठ कर सामने गुफ्तगू कीजिए । सिर्फ ख्यालों में ही न मेरी धड़कनें तेज कीजिए। आप ही से लबों पे मुस्कान है यूं ही उलझ कर जिंदगी में न अब ये दिल […]

तुम क्या थे मेरे लिए,अब मेरी समझ में आता है बादल छत पर मेरे , बिना बारिश गुजर जाता है मेरा घर, मेरे घर की दीवारें और चौक – चौबारे बिना तेरे अक्स के चेहरा सब का उतर जाता है सबकी गलियाँ हैं रौशन आफ़ताबी शबनमों से चाँद मेरी ही […]

आज जरूरत है मानव की, विश्व शांति कायम होवे। वतन मान की सोच रखें पर विश्व मनुजता क्यों खोवे। मानव तो बस मानव होता, मानवता के गुणधारी। देश धर्म में बाँट मनुज को, राज करे सत्ता धारी। कुछ देशों की तानाशाही, कुछ को भारी पड़ती है। सत्ता की यह खेंचातानी, […]

रंगोली देखो सजी,घर आंगन अरु द्वार।शांति दीप पावन भरे,हो मंगल परिवार।। रंग बिरंगी नेक सम,लाती अलग निखार।दिल से तोड़ो नीर अब,आओ सदा बहार।। चौक दीप पूजन समय,रंगोली की याद।आकर्षित करती सदा,करती पूर्ण मुराद।। रंगोली सम बाँटिए,रहे एकता प्यार।सम्पूर्ण हो कामना,यही नीर आधार।। मंगलकारी का बने,नीर प्रेरणाधार।रहें एकता साथिया,रंगोली अधिकार।। #नवीन […]

शहरी कोलाहल से दूर शांतिनिकेतन के हरे भरे परिसर में आकर व्यक्ति का प्रकृति के साथ सीधा संवाद स्थापित हो जाता है…सांसारिक भाव कहीं लुप्त होने लगता है…प्रतिक्षण आसपास एक नैसर्गिक संगीत सुनाई देता है…विचारों के अंकुर भी यहां अनायास फूटने लगते हैं… इस वातावरण में आकर मेरे मन में […]

भारतीय संस्कृति गजब है गजब है इसके त्यौहार एक दूसरे के सम्मान का प्रतीक बन गये ये त्यौहार करवाचौथ हो या फिर अहोई बायना अपनो को ही मिलता सास-ससुर हो या बहनोई श्रद्धाभाव, सम्मान भी मिलता छोटो -बड़ो में प्यार भी बढ़ता भाई -बहन के रिश्तों में भी ये त्यौहार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।