संस्कार प्रेम है। संस्कार अनुशासन है। संस्कार शीतलता है। संस्कार आदर सिखाता है। संस्कार से सुविचार आते है। संस्कार झुकना सिखाता है। संस्कार क्रोध मिटाता है। संस्कार आँसू धो देता है। संस्कार अहंकार मिटाता है। संस्कार हमारी संस्कृति है। #रूपेश कुमार Post Views: 32

देश के सबसे बड़े विवाद की जड़ आज उच्चतम न्यायालय ने अपनी ताकत का प्रयोग करते हुए समाप्त कर दी। इतिहास इस बात का साक्षी है कि देश की आज की राजनीति ने सत्ता और कुर्सी की लालच में पूरे देश को आग में झोंकने का कार्य किया। इसका सबसे […]

न हमने कुछ उन्हें बोला, न उन्होंने कुछ हमें बोला। मगर आंखों ने एक दूसरे, का सारा राज खोला। लगी है आग दोनों के, दिल और जहान में। कैसे करे मोहब्बत का, इजहार आमने सामने।। मोहब्बत क्या करा दे, कुछ भी नही पता। कैसे दिल के अन्दर, प्यार को जगा […]

कर्मवीर वह कहलाता जिसकी रुकती नहिं चाल। कर्मवीर वह कहलाता जिसका अनुगामी काल। जिसकी चलती हैं हर साँसें सदा कर्म के साथ- कर्मवीर वह कहलाता, नहिं वृथा बजाए गाल।। नहीं झुका है नहीं झुकेगा इसका उन्नत भाल। कर्मवीर के कदम चूम लें, ये हैं असली लाल।। कर्मवीर जिसके पैरों में […]

नदी किनारे लगा था मेला, सारे बच्चे मिलजुल गये घूमने | धमा-चौकड़ी सबने खूब मचाई, देखा जो हाथी बनाके साथी लगे चूमने || दही, जलेबी, पानी-पूरी, हलवा और कचौड़ी, सब बच्चों ने चख-चखकर खाई | फिर सर्कस जाने की पूरी करी तैयारी, शेर, लोमड़ी, भालू, चीता और देखा बंदर भाई […]

बनवास हुआ है आज खत्म, आज अयोध्या जाएंगे.. घी के दिए जला लो सब, हम आज दिवाली मनाएंगे.. बरसों बतलाया जिसे विवादित, अब मंदिर वहीं बनाएंगे.. घी के दिए जला लो सब, मेरे श्री राम आज घर जाएंगे.. #सचिन राणा “हीरो” हरिद्वार( उत्तराखंड) Post Views: 35

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।