नमस्कार दोस्तो, मुझे नहीं पहचाना ! कैसे पहचानोगे, अरे आज जब मैं अपने-आप को आईने में देखता हूँ तो मैं ही अपने-आपको नहीं पहचान पाता हूँ, तो आप मुझे कैसे पहचानोगे ? दरअसल क्या है न ! जैसे एक बच्चा बचपन में कितना प्यारा लगता है लेकिन बड़े होते-होते देखो, […]

नया वर्ष था।कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। परंतु एक प्रश्न के कारण मेरे पसीने छूट रहे थे,कि मैं अपनी पुस्तक ‘राष्ट्र के नाम संदेश’ अपने मित्र समूह, परिवारिक सदस्यों एवं शुभचिंतकों को मुफ्त कैसे दूँ? जिसके कारण बार-बार बुद्धिजीवी लेखकों पर क्रोध आ रहा था।जिन्होंने पुस्तकें मुफ्त बाँटने की […]

साल अपनी ओढ़नी हर साल बदलता है। पुराने दाग-धब्बे, फटन, मैलापन सब निकाल एक नई ओढनी धारण करता है। उस पुरानी ओढ़नी का शुक्रिया करना वह कभी नहीं भूलता क्योंकि उसने उसका साथ पूरे साल निभाया था। यही दस्तूर कई शताब्दियों से चला आ रहा है और आगे भी चलता […]

दिल्ली। अमेरिका की अग्रणी हिन्दी सेवी संस्थान हिन्दी यूएसए ने वहाँ हिन्दी सिख रहें बच्चों को भ्रमण के लिए हिंदुस्तान लाए, उन बच्चों को सोमवार को दिल्ली में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा ‘भाषा सारथी सम्मान’ से संस्थान की दिल्ली प्रदेश अध्यक्षा रिंकल शर्मा द्वारा हिन्दी के सारथियों को सम्मानित किया। […]

21 नए कहानीकार होंगे सुस्थापित! इंदौर। भाषा-संशय-शोधन एवं हिन्दी-व्याकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करते हुए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव एवं आईटीबीपी में उप सेनानी कमलेश कमल द्वारा साहित्य के नव-पल्लव कहानीकारों को आगे लाने का एक अभिनव प्रयास किया जा रहा है। ‘कमल की कलम’ के माध्यम […]

इंदौर | हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कार्यरत संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने राष्ट्रीय महासचिव के दायित्व पर संस्कारधानी, जबलपुर निवासी कमलेश कमल को नियुक्त किया। श्री कमलेश कमल पुलिस विभाग में उप सेनानी, आईटीबीपी (जबलपुर) के दायित्व पर कार्य करने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।