१ बुलकड़ियाँ रिक्त गौशाला द्वार सूखा गोबर। २ चैत्र प्रभात विधवा का शृंगार दूर्वा टोकरी। ३ फाग पूर्णिमा डंडे पर जौ बाली बालक दौड़ा। ४ होली दहन चूल्हे पे हंसती माँ गेहूँ बालियाँ। ५ मदिरालय कुतिया को पकोड़े नाली में वृद्ध। ६ औषधालय चारपाई पे वृद्ध नीम निम्बोली। ७ कैर […]

पिता परिवार की प्राणवायु है पिता परिवार के प्रत्येक सदस्य की आयु है पिता से मिले परिवार को शक्ति -संबल है पिता बड़े-बड़े संकटों में बनते ढाल है पिता का प्रेम सदा अदृश्य ही रहता है पिता हंसते-हंसते कड़वा जहर पीता है पिता बहाकर निज खून-पसीना पिता लाता है परिवार […]

मां के कदमो में जन्नत है पूरी होती सब मन्नत है घर ,घर नही स्वर्ग सा होता मां की छांव में चैन से सोता सौभाग्य उनका जिनकी मां है बिन मां अनाथ ही होता मां है तो मंदिर की जरुरत नही प्रभु मूरत की जरुरत नही मां के रूप में […]

9 अप्रैल : पुण्यतिथि प्रसंगे मालवा की धरती ने सदा से ही अपने धीर-वीर और गंभीर होने के साथ-साथ रत्नगर्भा होने का प्रमाण दिया है, क्षेत्र चाहे संगीत, कला, साहित्य, चित्रकारी, खेल, राजनीति, प्रशासकीय हो चाहे पत्रकारिता। ऐसे ही एक लाल को मालवा की धरती ने जन्म देकर स्वयं को […]

बिगड़े हालत तो शायद सुधर जायेगे | पर कुछ लोग तो,नजरो से गिर जायेगे || किसी को क्या पता,भविष्य में क्या हो जायेगा | अगर हालात नहीं सुधरे तो हम किधर जायेगे || अच्छा है आज घर में लोग सब एक साथ है | लोक डाउन खुला तो,लोग फिर किधर […]

तमसो मा ज्योतिर्गमय’ चरितार्थ हो ही गया घर की बिजली बंद कर दीया जल ही गया शास्त्रो ने भी बताया है दीये जलाने से अकाल मृत्यु नही आती वैसे भी दीया है परमात्मा स्वरूप ज्योति बिंदू शिव भांति काश! हम इस घड़ी में ईश्वरीय याद कर लेते जो कोरोना से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।