लॉक डाउन के नाम पर सरकार ही कर रही भेदभाव मजदूरों को मिली लाठियां धनाढय छात्रों को पुलाव एक एक कमरे में रह रहे जहां पंद्रह बीस मजदूर उनके खाने को रोटी नही घर भी उनका अतिदूर उनकी करुण पुकार का नही हुआ कोई प्रभाव घर जाने को सड़को पर […]
चिड़िया और पेड़ की दोस्ती थी। “चिड़िया, चिड़िया .. बड़ी चहक रही हो ? कहाँ उड़ती रहती हो आजकल !” पेड़ ने उत्सुकता के साथ पूछा। “आजकल गाँव तो गाँव शहर भी शांत हैं, न धुआँ है, न शोरगुल। दाना-पानी भी खूब मिल रहा है” पेड़ से चिड़िया बोली। “वो […]
इंदौर । हिन्दी इस राष्ट्र का स्वाभिमान है, इसीलिए सम्पूर्ण राष्ट्र को इस हिन्दी के स्वाभिमान के लिए ‘एक घण्टा देह को, एक घण्टा देश को और एक घण्टा हिन्दी को’ देने के लिए कार्य करना चाहिए। हिन्दी में हस्ताक्षर करना चाहिए एवं युवाओं को अपने संवाद की प्रथम भाषा […]
मिलता है विषाद इसमें इसमें ही मिलता हर्ष है कहते हैं इसको जीवन इसका ही नाम संघर्ष है दोनों रंगों में यह दिखता कभी श्याम कभी श्वेत में कुछ मिलता कुछ खो जाता रस जीवन का है द्वैत में लक्ष्य होते हैं पूर्ण कई थोड़े शेष भी रह जाते हैं […]
आज रविवार है कोरोना को बुखार है सौ के ऊपर डिग्री चार है सोमवार को हनुमान जी नहीं आयेंगे वे तो मंगलवार को ही आयेंगे हनुमान जी आते है डॉ के पास ले जाते है डॉ साहब बोले , ” इसको तो तेज बुखार है कोरोना का ये शिकार है […]
चारो तरफ है सन्नाटा ,अब क्या किया जाये , दिल बहलाने के लिये, अब कुछ लिखा जाये | भेज दू क्या मै जो लिखता हूँ,मै तुम्हारे लिये , जिससे दिल की बाते,दिल को सुना दिया जाये |\ लिखता हूँ बार बार उसको मिटा देता हूँ मै, हिम्मत नहीं होती है […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।