भावना शर्मा मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व मातृभाषा डॉट कॉम की सह सम्पादक हैं दिल्ली। भारत की आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष में ट्रू मीडिया समूह हरिद्वार में हर की पौड़ी सनातन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल पर साहित्य, कला, संस्कृति की अलख जगाने के लिए 16 […]

*भावों की तरंगे काव्य संग्रह ऑनलाइन लोकार्पित* इन्दौर। संस्था अखंड संडे के तत्वावधान में बैंगलोर की लेखिका विजया रिंगे की तीसरी पुस्तक भावों की तरंगे काव्य संग्रह का 84 वां ऑनलाइन लोकार्पण किया गया।      इस अवसर पर समिति की साहित्य मंत्री ने डॉ. पदमा सिंह ने कहा कि भावों की […]

*सूफी दर्शन की प्रतिनिधि कृति बच्चन जी की ’मधुशाला’-डाॅ. कल्पना पुरोहित* इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर में कालजयी साहित्यकार स्मरण श्रृंखला की 35वीं कड़ी में हिन्दी के सुपरिचित कवि विशेषकर छायावादी कवि डाॅ. हरिवंशराय बच्चन को आदर के साथ याद करते हुए उनके साहित्य कृतित्व और व्यक्तित्व पर […]

गली-गली में, मचा है शोर, चुनावों का आ गया दौर। दिखें छोटे-बड़े नेता हर ओर, वोट पाने को लगा रहे ज़ोर।। हाथों को जोड़े, शीश झुकाते, हमें, अपने पाले में लाना चाहते। अपने आपको जनसेवक कहते, बाद में, दर्शन दुर्लभ होते।। नेता अभी बनेंगे, सीधे-सादे, करेंगे हमसे, ऊँचे-ऊँचे वादे। भलाई […]

सुनो भैया, सुनो काका, सुन लो री सब बहना, राजधर्म का पालन करके मतदान ज़रूर है करना। जैसे हम मातृ ऋण, पितृ ऋण चुकाते हैं, वैसे ही मतदान करके राष्ट्र ऋण चुकाना। जैसे इहलोक से परलोक के लिए कई दान करते हो, वैसे ही सुदृढ़ राष्ट्र के लिए यह दान […]

है अनुपम हमारी, भारत भूमि महान ये, विश्व में विकास का सर्वोत्तम उदाहरण ये। पढ़–लिख करते हम वागीश्वरी का ध्यान हैं, करना है ज्ञान का उपयोग, हमें अब मतदान है। प्रतिनिधि चुनना, उचित सोच समझ के, डोर राष्ट्र विकास की, होगी हाथ में उस के। छोड कर लालच, किसी भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।