पिता हमारा जब परमात्मा चिंता का कर दो खात्मा सारी फिक्र भी वही करेगा सारे दुःख भी वही हरेगा तुम्हे तो बस कर्म करना है कर्म को अपना धर्म समझना है रोटी,कपड़ा ,मकान मिलेगा सुख,सम्रद्धि, सम्मान मिलेगा सन्तोष को बस गहना बना लो शांति मन्त्र की माला बना लो सब […]

जिंदगी इक नदी है अनवरत प्रवाह किए बिना परवाह आगे बढ़ते ही जाना वापस कभी ना आना ‘सावन’ समय के साथ कदमताल मिलाना धार से अलग हो खेतों में जाना लोक कल्याण हेतु खुद को मिटाना यही तो नदी है यही जिंदगी है कहीं है सुखद- शांति कहीं अशांति- क्रांति […]

सारी रात मै ऐसी तडफती रही। जैसे बिन पानी मीन तडफती रही भले ही दीया मेरे हाथ में था। सारी रात मै यूहीं भटकती रही।। सारी रात मै बिल्कुल न सो सकी। तकिए को इधर उधर पटकती रही आंखो में बिल्कुल नींद न थी। सारी रात करवटें बदलती रही।। द्वार […]

धूप से कभी छांव तक नहीं पहुँचा शहर का आदमी गांव तक नहीं पहुँचा चकाचौंध में इस तरह खोया रहा अनेपन कभी लगाव तक नहीं पहुँचा धन दौलत नशा शराब और कबाब का किसी की पीड़ा भाव तक नहीं पहुँचा जिंदगी ऐसी भला किसी काम की यारों जो किसी के […]

गीता समाज भवन का हॉल लोगों से खचाखच भरा हुआ था।गद्दों पर बिछी हुई सफेद चादरें, अगरबत्ती की मीठी-मीठी खुशबू, राधेश्याम जी की तस्वीर के सामने फूलों का ढेर, तस्वीर पर चंदन की मालाएं, धीमे स्वर में गूँजता ओम शांति का संगीत,हजारों की संख्या में निर्विकार भाव से बैठे लोग […]

कर्तव्य कई तरह के होते हैं लेकिन आज जिस कर्तव्य की बात हो रही वह है नागरिको के कर्तव्य की।देश के नागरिक होने के नाते आपके कर्तव्य क्या है ?क्या पालन हो रहे है? शायद नहीं और हो भी रहे दोनो ही स्थिति है। गलत कामो के प्रति आवाज उठाना, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।