जब सीखा था बोलना, और बोला था माँ। जो लिखा जाता है, हिंदी में ही सदा।। गुरु ईश्वर की प्रार्थना, और भक्ति के गीत। सबके सब गाये जाते, हिंदी में ही सदा। इसलिए तो हिंदी, बन गई राष्ट्र भाषा।। प्रेम प्रीत के छंद, और खुशी के गीत। गाये जाते हिंदी […]
स्वरों से सजी है व्यंजन भी सभी हैं , यह हिंदी हमारी है प्राणों से प्यारी। संस्कृत से जन्मी है उर्दू की बहन है, मातृभाषा हमारी है प्राणों से प्यारी। भावों से प्रवाहित व्याकरण से प्रकाशित, राजभाषा हमारी है प्राणों से प्यारी। ये है भारत की पहचान ये है भारत […]
तेरे मन मन्दिर में जगह बनाऊं मै कैसे, बिन बाती तेल के दीप जलाऊं मै कैसे। तड़फ तड़फ कर मर जाऊंगी मै बिन तेरे, पास नहीं तुम मेरे,अपना दर्द सुनाऊं मैं कैसे। बढ़ती नहीं है आगे जिंदगी अब बिन तेरे, बीते हुए लम्हों को अब भुलाऊ मै कैसे।। आती नहीं […]
कोरोना के अवसान को प्रार्थना करो भगवान को पाप धरा पर रहने न पाए प्रेम दिलो से जाने न पाए सदभावना की रसधार बहे पवित्र मन और तन हो जाए खुशियो भरा जीवन हो सुगन्ध भरा हर उपवन हो धर्म-जाति में भेद न हो परिवार मे विच्छेद न हो माता […]
हम कक्षा पहली में पढ़ते थे अनार,आम सीखते थे। स्वर, व्यंजन और बारहखड़ी बड़े मजे से पढ़ते थे। जैसे-जैसे बड़े हुए हुआ शिक्षा का ज्ञान हिंदी भाषा प्रिय लगी किया उसका सम्मान। संज्ञा,सर्वनाम,सन्धि ,समास दिन भर रटते रहते थे हिंदी विषय में जान लगाते फिर भी पूरे नम्बर न मिलते […]
तो परसों हम बारत लेकर आ रहे हैं। ठीक चार बजे, दुल्हन को तैयार रखियेगा समधन जी। जी बिल्कुल, आपकी खातिर भी खुब करेंगे, हमने चॉकलेट, आइसक्रीम, यहां तक सुखे मेवे भी रखे हैं….समधन ने इतराते हुए अपनी गर्दन को दांए-बांए करते हुए कहा। हां… हां….क्यों नहीं , हम जानते […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।