छुटकी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा था । उसे उधार खरीदकर लाई गई सस्ती लाल साड़ी पहना दी गई थी, जो लोग, मिहिलाल के लिए कफन लेकर आये थे वे ही साथ में लाल साड़ी भी ले आये थे और लाल चूड़ियां भीं । हाथों में चूड़ियां और […]
या रब मेरे तेरा उपकार हो खुशियों भरा ये संसार हो आ गया नया वर्ष उमंगे लिए कोई बेबस न कोई लाचार हो इंसान हो इंसानियत तो रखो भाई चारा बढ़े और प्यार हो आमदानी की अब राहें खुले कोई युवा न अब बेरोजगार हो लड़ाई सब झड़गे अच्छे नहीं […]
कई बड़े दर्द दिए इस गए साल ने कई अपने चले गए इस गए साल में नई खुशियां लेकर आया है यह साल दर्द सारे भूल जाओ इस आये साल में पशु पक्षी उन्मुक्त रहे इस गए साल में हम ही घरों में कैद रहे इस गए साल में हमे […]
न कोई शिकवा है आज न कोई आज शिकायत। चलो हम भूल जाये बीती हुई सब बातो को। नई सोच लेकर हम करे नई शुरूबात 2021 में। मिले सभीको उनका फल जो दिल में उन्होंने चाहा। इसलिए हमसब मिलकर करे ईश्वर से आज प्रार्थना। कि मिल जाये उन्हें उनके मन […]
जैसे किसी गन्ने को चरखी में से चार बार गुजारने के बाद उसकी हालत होती है, या किसी भी पतरे की अलमारी को गोदरेज की अलमारी कहने की तर्ज पर पानी की हर बोतल को बिसलरी कहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा पूरी बोतल गटकने के बाद उसे मरोड़ मरोड़ कर […]
कितने ही कड़वे अनुभव देकर साल 2020 बीत गया… इसके शुरुआती कुछ महीनों को छोड़ दें तो लगभग पूरा साल ही भय, असमंजस और आशंकाओं से भरा रहा… जिंदगी जैसे ठहर सी गई… कामकाज ठप, आवाजाही बंद और सब अपने अपने घरों में कैद… हर कोई बेरोजगारी, पलायन, बीमारी, अकेलेपन, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।