चार रोटी हजम कर लेते हो तो। किसी की चार बातें भी हजम करना सीखो। कह गये कड़वे शब्दो पर मौन रहकर विचार करो। और समय का इंतजार करो उन्हें अपनी की करनी का फल इसी भव में मिल जायेगा। इसलिए अपनी शक्ति को यू ही बर्बाद मत करो।। अमीरी […]

दरवाजे की घंटी ने गायत्री मंत्र के मधुर घ्वनि से सारे घर को गुंजायमान कर दिया था । यह घंटी अब कभी-कभी ही बजती है पर जब बजती है तो सारे घर को देवालय बना देती है । मैंने बड़ी ही उत्सुकता से दरवाजा खोला था । दरवाजा खोलते ही […]

“क्षेत्रीय बोली आत्मनिर्भरता की पहचान दिलाती है”-नीर नवीन कुमार भट्ट नीर:- साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा बोली विकास मंच पर आयोजित बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन 07 फरवरी 2021 शाम 07 बजे आयोजित किया गया कार्यक्रम के शुभारंभ में मां वीणापाणि को फूल,माला दीप जलाकर वंदना की गई इस […]

काव्य वही जो दिशा दिखाए, सरल भाव औ शब्दों से, महक उठे और महकाये जो कण-कण को स्पर्शों से, पहुंचे जन-जन के हृदय तक, नित्य जलाए नवीन चिराग युवा-बच्चे-वृद्ध सबों को, रंग दिखाएं जीवन के… भावनाएं शब्दों के बंधन में बंधी नहीं होती – शब्दों के जाल से नहीं, हृदय […]

प्रकृति ने ली अंगड़ाई है पहाड़ में फिर तबाही है ग्लेशियर फिर से पिघल गए टुकड़ो टुकड़ो में बिखर गए सैकड़ो जाने चली गई प्रकृति के हाथों छली गई एक दिन पहले से हलचल थी ग्लेशियर फटने की तड़पन थी बस, हम ही नही समझ पाए अपनो की जान नही […]

स्वाधीनता के बाद देश को सुव्यवस्था देने की गरज से राजशाही के स्थान पर लोकशाही की स्थापना की गई। तात्कालिक परिस्थितियों में संविधान की रचना हुई। यह अलग बात है कि संविधान की रचना के दौरान किन लोगों को हाशिये पर रखने का षडयंत्र हुआ और कौन लोग, किस तरह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।