वो हमारी चाह में सारा जीवन बिता गए। आल के लिए अपनी सारी खुशियाँ लुटा गए।। ताउम्र हमारे लिए रात व दिन एक कर दिए। हम बदनसीब ठहरे जो अपना फर्ज़ भी अदा न किए।। हमनें उनको उनकी चाहतों का कैसा सिला दिया। जो सोचा था उन उम्मीदों को अब […]

यह खुश खबर है कि देश के आठ राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कालेजों में अब पढ़ाई का माध्यम उनकी अपनी भाषाएँ होंगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ पर इस क्रांतिकारी कदम का कौन स्वागत नहीं करेगा? अब बी टेक की परीक्षाओं में छात्रगण हिंदी,मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, […]

तुझे भुला कर देखते है, ज़िन्दगी को फिर आज़मा कर देखते है। क्या फायदा है रो कर, नया ख़्वाब सजा कर देखते है। करते है नई शुरुआत फिर से, नये रास्ते पर चलकर देखते है। तुम तो चले गये हमे भूल कर, हम भी तुम्हे भुलाकर देखते है। जो खाली […]

अच्छा लगता है जब कहीं से कोई पूछता है हाल आपका हौले से यह कहकर कि आप कैसे हो ? महसूस होने लगती है कुछ गर्माहट रिश्तो की । टूटे हुए से संवाद कहीं फिर से जुड़ने की कोशिश करने लगते हैं । एक खालीपन का छाया हुआ सा बवंडर […]

रमेश आते ही अपनी चाची को गोद में उठा लिया और बोला – ” चाची ! मैं मेडिकल की परीक्षा में अब्बल नंबर से पास हो गया । “ और वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था । अपनी चाची को गोद में उठाये झूमने लगा । ” अरे […]

भूल अगर हो जाए कभी क्षमा तुरन्त मांग लीजिए सामने अगर बड़े खड़े हो झुककर वंदन कीजिए सीखना हो जिससे तुमको उनका पहले सम्मान कीजिए छोड़ दे अहंकार की बाते स्वयं विन्रम हो जाइए हो जायेगे गैर भी अपने उनको गले लगा लीजिए परमात्मा की कृपा रहेगी याद उनको बस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।