जब धरा पर खेले दुश्मन, वीरों के ख़ून से होली कैसे मैं कविता लिखू,.. स्याही भर लाल-काली भरत खंड का वासी राज, गहन मौन में खोया हूँ वीर शहीदों के यादो में, लिखते-लिखते रोया हूँ पुलवामा में आतंकीयों ने, वीरों के लहू से रंगाये वीर माताओं के लालों को मौत […]