एक पढ़ा-लिखा बेरोजगार युवक, नौकरी ढूंढते-ढूंढते हो गया था परेशान.. जाति में ब़ाहम्ण होने के अभिशाप से था हैरान। नेताओं के निजी स्वार्थ ने जनरल के कोटे को, इतना कम कर दिया कि नौकरी मिलना मुश्किल हो गया था, ब़्राह्मण होने का एक फायदा जरुर हुआ जन्मजात ग्यानी.. बुद्धि में […]