#ज़ख्म_है_तो_लाज़मी_है_दर्द_होना बेशक़ दिखते नहीँ.. #दर्दे जिग़र पे एहसासों की परत जो लगी है यादेँ हैँ तो लाज़मी है अश्कों से धोना सूख जाते हैँ कुछ नासूर_ए_ज़ख्म बस चंद बूँदों से धोने पड़ते हैँ रिसते रहते हैँ ….कतारों में वो #दर्द जो लम्हों में ठहरे रहते हैँ ज़िस्मों_जाँ […]