अनुरंजित भू आकाश त्रिकाल सूर्य प्रखर ॥१॥ खग विहंग कल्ररव नीरव मधुरतम ॥२॥ पादप गण फल छाया से भरे संत साधना ३॥ तटीनी बहे शांत वेग वाहिनी तपसन सी ॥४॥ संध्या बिखरी विमान लाल गोल सूर्य शीतल ॥५॥ सुरभि सपन जैन अलीराजपुर, मध्यप्रदेश साहित्यकार परिचय नाम – श्रीमति सुरभि सपन […]