किससे छिपाना, क्या छिपाना क्यों छिपाना,कैसे छिपाना इसी उलझन में उलझे है लोग कोई देख तो नही रहा किसी ने कुछ देखा तो नही इसी भय में जी रहे है लोग क्या सच, छिपा सकते हो क्या झूठ पचा सकते हो यह सच से आंख मुंदने जैसा है स्वयं को […]

कटुवचन काम बिगाड़े अपनो को कर दे न्यारे गहरे जख्म कर देते है नफरत पैदा कर देते है सम्बन्धो में दरार आ जाती प्यार की बुझ जाती बाती ईर्ष्या द्वेष भी जन्म ले लेते दुश्मन घर मे पैदा कर देते रामायण की यही कहानी महाभारत इसकी जुबानी कटुवचन से कर […]

जो चेहरा छाया है स्मृति में उसे तो अग्नि में छोड़ आए भस्म हो जाने के लिए देह से राख हो जाने के लिए यह वही देह थी जिसे प्यार करते रहे हम तब तक जब तक उसमे वह आत्मा बसी थी वह आत्मा ही तो पावन थी देवत्व जैसी […]

कान्हा के आने की आहट होने लगी भादो की अष्टमी जो पास आने लगी मंदिरों को तेजी से सजाया जा रहा है पालने में झूलने को लड्डू गोपाल आ रहा है घर घर मे मिठाईयां दूध और मलाइयाँ उपवास की तैयारियां कान्हा जन्म की झांकियां बनाई जाने लगी हर शहर,गांव,बस्ती […]

कारागार में जन्मे कन्हैया कंस पर संकट बने कन्हैया लीलाएं भी खूब दिखाई बाल बांका न हुए कन्हैया मथुरा उनकी जन्म स्थली पर गोकुल में पले कन्हैया गोपियों को खूब रिझाया राधा से प्रेम करे कन्हैया गाय चराई तो गोपाल बने बांसुरीधर भी कृष्ण कन्हैया पूतना , कंस का वध […]

गांव की मिट्टी में जन्मे थे गजब उनकी कहानी थी गांव ,किसान की आवाज बने सच्चाई उनकी जुबानी थी उत्पीड़न, अन्याय, विसंगति जब देखी उन्होंने गांव में सहकारिता की नोकरी छोड़ी अलख जगाई थी गांव में किसान मजदूर की ख़बरे छापी ग्रामीण जनता अखबार में जीवन पर्यन्त संघर्षशील रहे खुद्दारी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।