नवजात के मन मे कोई भय नही होता जब तक वह जीवन मे कुछ पा नही लेता कुछ पा लेने पर उसके खो जाने का डर है यही तनाव, चिंता , परेशानी का घर है इसी के लिए भाग्य रेखा में अपना भविष्य खोजते है हाथ की लकीरों में तरक्की […]
सबके लिए मर्यादा अपनाना जरूरी है सबके लिए सदाचार में बंधना बहुत जरूरी है जो चाहते है अपने लिए वही दीजिए दुसरो को खुद सम्मान पाने से पहले दुसरो को देना जरूरी है चाहते हो भला अपना कीजिए भलाई पहले खुद का पेट भरने से पहले दुसरो का भरना जरूरी […]
एक वही है जिसे मैं प्यार करता हूं उसके वजूद को मैं प्रणाम करता हूं मालिक वही है इस कायनात का जिसकी याद मैं सुबह शाम करता हूं एक वही है जो होकर रहे सिर्फ मेरा जीवन सार्थक हो यह प्रयास करता हूं आत्म स्वरूप में जब देखा स्वयं को […]
जो मार्ग बनाते स्वयं का सफलता उन्हें ही मिलती है जो चलते है बैशाखियों से उन्हें निराशा हाथ लगती है स्वमान में रहकर अपने अपनी राह बनाते जाइए जो अवरोधक हो राह में होंसलों से हटाते जाइए नेक नियत रखकर जो मंजिल पर कदम बढ़ाते है ईश्वर भी साथ देने […]
भादो में सावन झूम रहा रह रहकर मेघ बरस रहा कही बाढ़ कहर ढाह रही गरीबो के घर उजाड़ रही कही अभी भी सूखा है जल का स्तर नीचा है यही समय है पेड़ लगा लो आस पास हरियाली बसा लो वातावरण अच्छा बन जायेगा पर्यावरण भी सुधर जाएगा सेहत […]
अदभुत शरीर दिया परमात्मा ने लीला उसकी अपरम्पार पंचतत्व से निर्मित है ये आत्मा रहती इस पर सवार पग ऐसे जो पृथ्वी नाप दे हाथों से सज जाये संसार कानों से ध्वनि सुख मिलता आंखों से होती प्रत्यक्षता प्रकाश गति से तेज चले मन पल भर में हो प्रभु योगध्यान […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।