जीवन का भार खुद ही उठाया जाता है दुसरो के कंधों पर शव ही ढोया जाता है जो जीते है खुद में जीवटता के साथ उन्ही का गुणगान समाज में किया जाता है जो बनाते है प्रभु को अपने दुख सुख का साथी उनकी उन्नति में स्वयं प्रभु हाथ लगाता […]
दीपक जैसा बनना सीखो खुद जलकर हंसना सीखो अंधकार कही रह न जाएं ऐसा प्रकाश फैलाना सीखो अहंकार तनिक न आने पाएं इतना विन्रम हो जाना सीखो बस, प्रेम बांटना तुम जगत में नफरत को दूर भगाना सीखो जो करता है ईश्वर करता है यह अटूट विश्वास करना सीखो काल […]
न जाने कब आ जाए समय स्वागत को रहिए तैयार जो समय को चूक गया नैया उसकी समझो मझधार समय बहुत अनमोल है करिए इसका आदर सफलता का मन्त्र यही है न हो समय का निरादर यह आता है चला जाता है जो भी समय के साथ चला वही मंजिल […]
परमात्मा ने मनुष्य को दिया अदभुत वरदान संवाद माध्यम वाणी स्वयं में गुणों की खान बोलना तो आ जाता है मात्र तीन ही बरस में पर क्या बोलना चाहिए सीखते बरसो बरस में वाणी ही आईना बनती हम सबके व्यक्तित्व का अपने को पराया करती पराये को अपना बनाती जैसी […]
कर्म सभी से बड़ा है इसी से होता निर्माण सदकर्म करते है जो होता उनका यशगान निर्माण के ही देव है विश्वकर्मा भगवान सृष्टि रचने में रहता उनका कर्म प्रधान कर्मयोग अपनाते जो उनकी मंजिल आसान मेहनत का फल मीठा परमात्मा देते वरदान। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई […]
जिनकी वजह से हम है उन्हें जितना याद करो कम है हमे पालपोस कर छोड़ गए सदा खुश रहने की दुआ दे गए जो कुछ था वह हमें दे गए खाली हाथ आए थे खाली हाथ चले गए कही पिता तो कही दादा मेरे अतीत का आईना है मां ,दादी,नानी […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।