चरित्र निर्माण की पाठशाला है ब्रह्माकुमारीज संस्थान नैतिक शिक्षा का केंद्र बना यह कर रहा ज्ञान से प्रकाशवान परमात्मा का अदभुत करिश्मा ज्ञान यज्ञ रचाते यहां भगवान दुनिया को भागीदार बनाकर चला रहे युग परिवर्तन अभियान नारी शक्ति को नेतृत्व देकर पूरी दुनिया का मान बढा रहे विश्व शांति की […]

चंदामामा कभी दूर नही सिद्ध कर दिखाया भारत ने पहले चन्द्रयान एक भेजकर इतिहास बनाया भारत ने राकेश शर्मा ने चन्द्रधरा से भारत को अपने देखा था इंदिरा गांधी ने जब पूछा उनसे चन्द्रधरा से कैसा दिखता भारत तनिक बताओ तो सारे जहां से अच्छा भारत उन्होंने उनको बताया था […]

कठिन परिश्रम जो करे लक्ष्य प्राप्त वही करें निष्ठा, लग्न,ईमानदारी विजय इन्ही से मिलती सारी सफलता मार्ग पाने को धैर्यमय प्रयास रहे जारी ईमानदारी, पुरुषार्थ साथ में रहे क्रोध,अहंकार से दूर रहे परमात्मा को साथी बनाकर निमित्त भाव से निर्लेप जिये जो चाहोगें वह पा जाओगें मार्ग अपना खुद बना […]

‘अ’ से अक्षर ज्ञान कराते अंधकार से प्रकाश में लाते ‘क’ से कायदा शुरू होता करुणा का पाठ पढाता दया,ममता इसी से उपजे प्रेम भाव के अंकुर उपजे ‘क’ से ही कर्म भी बनता कर्म बिना न जीवन चलता हिंदी वर्णमाला बहुत निराली ‘अ’ से ‘ज्ञ ‘में सिमट गई सारी […]

एकता,शांति,सम्रद्धि अध्यात्म से आ रही है इसके लिए ब्रह्माकुमारीज वैश्विक सम्मेलन करा रही है 27 सितम्बर से 1 अक्टूबर मिनी वर्ल्ड सा दृश्य होगा आबू रोड़ के शांति वन में शीर्ष हस्तियों का सत्संग होगा नई शिक्षा से नये भारत का निर्माण यही से शुरू होगा मूल्यपरक शिक्षा पाठ्यक्रम आगाज़ […]

मन, वचन, कर्म से जो रहते एक समान कथनी करनी में फर्क न करे बन जाते है वही महान झूठ का पर्दा कभी न ढके सत्य को ही अपना मान जो सत्य पथ पर ही चलते होता उन्ही का सदा गुणगान कठिन जरूर है पर असंभव नही कष्ट बहुत है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।