कोई नही चाहता, मेरा बुरा हो फिर दूसरे का बुरा सोचते क्यो है? कोई नही चाहता ,हार मिले फिर दूसरे को आप हराते क्यो है? कोई नही चाहता निरादर अपना फिर दूसरे का अपमान करते क्यो है? जो चाहते हो आप अपने लिए वही दूसरो को बांटना सीखो खुद शांति,प्रेम,सदभाव […]

समय निकालकर कीजिए नियमित प्रभु का ध्यान प्रभु ही हमारे नियंता है वही हमारे कृपा निधान जो कुछ है सब प्रभु का यही बनाइये अपनी सोच देने वाला एक प्रभु ही तो है फिर करते काहे को संतोष सदा सुख समृधि देता प्रभु दुःख मिलता अपने कर्मो से सद्कर्म अपने […]

सदा अच्छा ही सोचना सदा अच्छा ही बोलना सदा अच्छा ही देखना सदा अच्छा ही करना बनाते है हमको अच्छा जवान,बूढा या फिर बच्चा मन का जो है सच्चा वही तो है सबसे अच्छा गलत कुछ भी करो नही दिल किसी का दुखाओ नही परमात्म याद में रहो सदा अहंकार […]

दुनिया मे सब अच्छे बने यह उपदेश जरूर दीजिए यह उपदेश देने से पहले खुद को अच्छा जरूर कीजिए बदल जाएंगे हालात जरूर पहले आप खुद तो बदल लीजिए बेटियां एक सी है चाहे मेरी या तुम्हारी जहां भी मिले उन्हें सम्मान दीजिए बेटे की चाहत में जुल्म न हो […]

जीवन को सरल बना लो अपने पराये भी जो लगने लगे अपने अहम को त्याग झुककर देखो फलदार वृक्ष को देखकर सीखो मधुरता व्यवहार में लाकर देखो गैरो को गले लगाकर देखो जीवन मे पुष्प सी खुशबू फैलाओ अपने सद्कर्मो की ज्योति जलाओ महकने लगेगा देश और समाज सफल हो […]

जल,जंगल,जमीन की लड़ाई हमे हमारा अधिकार दो भाई जीने का सबको यहां हक है हम यही के है क्या कोई शक है हम गांधी मार्ग के है अनुयायी अहिंसा से ही सब मुहिम चलाई वनाधिकार आंदोलन रंग लाया राजस्थान तक इसे पहुंचाया तरुण भारत ने भी मान दिया किशोर उपाध्याय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।