मन को सदा पवित्र रखिए स्वप्नं मधुर संजोए रखिए याद रहे सदा परमात्मा ऐसी जोत जलाये रखिए मन मे न आएं बुरे विचार अच्छी सोच बनाये रखिए कोई विकर्म न हो अपने से ऐसा ध्यान बनाये रखिए आत्म स्वरूप मे बीते जीवन परमात्म योग बनाये रखिए कोई छोटा बड़ा नही […]

मीत बने जब परमात्मा हो जाए आत्म उद्धार मन से विकार दूर हो पवित्र हो आचार विचार शांत मन हो ,स्वस्थ तन हो खुशिया रहे घर द्वार एक परमात्म याद रहे न रहे माया ,मोह ,कुविचार अशरीरी बनकर रहो देहभान मिटाकर रहो मिल जायेगा सुख अपार कलियुग स्वत:मिट जायेगा सामने […]

आगे बढ़ने की अंधी दौड़ मे पीछे छूट गए जीवन उसूल धन ही सब कुछ हो गया अपनापन कही गए है भूल कभी कोई काम न पड जाये इस डर से टिके है रिश्ते वर्ना स्वार्थ की हंडिया मे कब के पक गए अपनत्व के फूल जिसे देखो वही गैर […]

संवेदनशील रहना सीखो करुणाभाव जगाना सीखो मानवीयता मे जीना सीखो स्वयं को अच्छा बनाना सीखो इंसानियत बढ़ती जायेगी समस्याये घटती जायेगी चेहरे पर खुशी आ जायेगी परमात्म कृपा हो जायेगी आत्म स्वरूप मे रहना जरूरी है देह अभिमान छोड़ना जरूरी है ईर्ष्या द्वेष मिटाना जरूरी है ईश्वरीय ज्ञान पाना जरूरी […]

होली का रंग चढ़ने लगा है हर कोई मदमस्त होने लगा है प्रकृति भी खिली खिली दिखने लगी मौसम मे गर्माहट सी होने लगी पर होली पर हुड़दंग ठीक नही है होली पर बदरंगता ठीक नही है होली पर होली रहना जरूरी है बुराईयों से मुक्ति पाना जरूरी है जो […]

जीव धरा पर जो भी है है परमात्मा की ही देन जो जीव पर हिंसा करे कहलाता नही वह नेक दया,करुणा,ममता सब है मानवता के आभूषण जो इनको धारण करे होते वही समाज भूषण जीवात्मा ज्योतिबिन्दु है होती अजर अमर है परमात्मा भी उसी रूप मे परमधान रहवासी है आत्मा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।