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मैंने भी मोहब्बत में ख्वाब देखा था,
जिगर को गुलाबी फूलों से तोला था।
एक तितली जिंदगी में आई थी,
खुशियों के रंग वो साथ लाई थी।
हर दिशा रोशन-सी लगती थी,
मानो वही असली जिंदगी थी।
भोर से साँझ बस वही दिखती थी,
हर पल मिलने की चाह उठती थी।
अचानक एक भूकंप-सा आया,
उसके घर भी एक रिश्ता आया।
आज भी याद उसकी मन में बसी है,
इसीलिए वो मुझसे ज्यादा ख़ुश है।
आज वो नजरों के सामने फुदकी,
इसलिए मैंने भी गुजरी बात कह दी।
————-#प्रमोद बाफना
परिचय :प्रमोद कुमार बाफना दुधालिया(झालावाड़ ,राजस्थान) में रहते हैं।आपकी रुचि कविता लेखन में है। वर्तमान में श्री महावीर जैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय(बड़ौद) में हिन्दी अध्यापन का कार्य करते हैं। हाल ही में आपने कविता लेखन प्रारंभ किया है।
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