ज्ञान और ध्यान का, हो जाये यदि मिलन। सार्थिक हो जाएगा, तुम्हारा ये जीवन। ऐसा में नही कहता, कह रहे सारे विद्दमान। अब तुम्हे ही करना है, अपने जीवन का फैसला।। मन तुम्हारा क्या कहता, जान लो तुम सोचकर। करना क्या आगे तुम्हें, खुद तुम ही सोच लो। अपनी करनी […]

ऐसे ही मन से निखर-निखर ऐसे ही शब्दों को पकड़-पकड़, ऐसे ही प्यार में उछल-उछल गीता का अंश हुआ प्रकट। युद्धों के अक्षुण्ण जज्बात लिए शान्ति की दीर्घ पुकार लिए, मन मानव का जो बिखर गया गीता में आकर ठहर गया। पग-पग पर जो लिखा हुआ भू-भागों में बंटा हुआ, […]

चाचा नेहरू अब आ भी आओ हमको अच्छे खिलौने दिलाओ समय अब बहुत बदल गया है बच्चों का भी खेल बदल गया है गिल्ली डंडा ,कबड्डी नही रहे अब कुश्ती,खो खो इतिहास हो गए अब सब पर क्रिकेट का जुनून सवार है मोबाईल खेल का बड़ा हथियार है सांप सीडी […]

वो बचपन की य़ादे फिर याद आयी , ज़हाँ चीड़ीयो की की चहचाहात रही चांदनी , खेतो मे खिलखिलाती रही रोशनी , भँवरो मे मुस्कुराहट भरी है , वो बचपन की य़ादे फिर याद आयी ! सूर्य की किरणे चमकता ही रहता है , पेड़ो मे फल लदा ही रहता […]

जिम्मेदारी की गठरी ले मैं दौड़ आया हूं ए नौकरी मैं घर छोड़ आया हूं बचपन के वो खेल खिलौने, रेत से बनते घर के घरौंदे, वो बारिश का पानी जो कागज की कश्ती डुबो दे, उन सारी यादों से मैं मुंह मोड़ आया हूं, ए नौकरी मैं घर छोड़ […]

चाचा नेहरू अब आ भी आओ हमको अच्छे खिलौने दिलाओ समय अब बहुत बदल गया है बच्चों का भी खेल बदल गया है गिल्ली डंडा ,कबड्डी नही रहे अब कुश्ती,खो खो इतिहास हो गए अब सब पर क्रिकेट का जुनून सवार है मोबाईल खेल का बड़ा हथियार है सांप सीडी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।