ज्ञान और ध्यान का, हो जाये यदि मिलन। सार्थिक हो जाएगा, तुम्हारा ये जीवन। ऐसा में नही कहता, कह रहे सारे विद्दमान। अब तुम्हे ही करना है, अपने जीवन का फैसला।। मन तुम्हारा क्या कहता, जान लो तुम सोचकर। करना क्या आगे तुम्हें, खुद तुम ही सोच लो। अपनी करनी […]
काव्यभाषा
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