कही गम है तो कही खुशी। कही प्यार तो कही टकरार। कही मिलना तो कही बिछड़ना। कही जिंदगी तो कही मौत। बड़ा ही अजीव है दृश्य इस दुनियाँ का।। जो दुनियाँ को समझा और उसी अनुसार ढल गया। वो मानो मौजमस्ती से जी गया। जो जमाने को नहीं समझा वो […]
काव्यभाषा
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