💦 संस्कृति मूल्य करें हम सम्मान विश्व विरासत 💦 कुटम्बकम धरा में हरियाली विरासत ये 💦 सहेज रहें अपनी विरासत ईमारत ये 💦 यूं रहे प्रेम एकता भाईचारा है विरासत 💦 राष्ट्र से प्रेम वफ़ादारी करेंगे है विरासत 💦 न हो यूं मौन सहेजो विरासत ये जिम्मेदारी #आकिब जावेद बाँदा,उत्तर […]

घर पर बैठे थक गए है, तो यादों कुछ ताजा करे। और जिंदगी की किताब के, कुछ पन्नो को खोलकर देखे। और दिल की आवाज को, धर्य से सुन कर ले। क्योकि मन बहुत चंचल है जो इंसान को भटकाता है।। राह सही होते हुए भी, दिमाग को उलझता है। […]

आँखों में आँसुओं की धार देखते हैं आदमी को बेबस , लाचार देखतें हैं कैद होकर रह गया चारदीवारी में उजड़ा हुआ अब तो बाजार देखते हैं कैसा है कुदरत का कहर देखो यारों बन्द पड़ा सारा कारोबार देखते हैं वीरान है गांव शहर और जहां सारा उजड़ी बस्ती खोई […]

उठता हूँ मै रोज सबेरें पत्नि देर तक सोती है | मै चाय बनाता हूँ,वह उठ कर चाय पी लेती है || घर पर बैठे रहते है,कुछ भी काम नहीं करते है | झाडू पोछा करता हूँ,उसे ये काम नहीं लगते है || धोता हूँ सारे कपड़े,पत्नि जरा नल खोल […]

इन्दौर। मातृभाषा.कॉम व हिन्दीग्राम द्वारा लॉक डाउन 2.0 का सदुपयोग करते हुए समूह में सम्मिलित सभी सदस्यों के बीच डिजिटल पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जिसका संयोजन भावना शर्मा और अंजलि वैद ने किया। इस प्रतियोगिता में प्रत्येक प्रतिभागियों को एक चिट्ठी प्रधानमंत्री के नाम लिखना अनिवार्य था, जिसमें उन्होंने […]

समय की गति ऐसी चली ठहर सी गयी है दुनिया कोरोना बीमारी ऐसी आई हिल सी गई है दुनिया कारोबार सब ठप्प हो गए लॉक डाउन में लॉक हो गए सड़क पर चलना जुर्म हो गया सैर करना भी बैन हो गया अब छत ही अपनी भाने लगी छत घूमने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।