एक बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर विकास का कैसे हुआ विकास…? सिर पर है किसका हाथ? किसके साए में यह अपराधी अब तक फला-फूला। यह एक बड़ा एवं अनसुलझा सा सवाल है। जिसे समझने की जरूरत है। इस सवाल को नजर अंदाज करने की कदापि जरूरत नहीं। आज का […]

भारत का चीन से सीमाओं पर विवाद जारी है, गलवान घाटी में चीन के सैनिकों द्वारा धोखे से किए गए हमले में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के बलिदान से संपूर्ण देश में आक्रोश है, जगह जगह चीन के समान के बहिष्कार का आहवान हो रहा है, चीनी राष्ट्रपति के पुतले […]

सारे नर बनें आत्मनिर्भर, और नारी बनें आत्मनिर्भर पशु पक्षी बनें आत्मनिर्भर, हर प्राणी बनें आत्मनिर्भर कुछ तो सीखो उन पौधों से, तूफान धूप जल सहते हैं फिर भी न तनिक विचलित होते, अस्तित्व बनाये रहते हैं और मधुर फलों से लदे हुए , वो खुद की हानि कराते हैं […]

ईट का ज़बाब,पत्थर से देना जानते है, चीन तेरे घर में,घुस कर मारना जानते है। मत दिखा हैंकड़ी,चीन अब तू हमें, तेरी हैकडी भी हम निकालना जानते हैं।। +++++++++++++++++++++-++ शोर्य देख चीन दांतो तले,उंगलियां चबा बैठा, पाक भी डरकर,चीन की गोद में जा बैठा। सुन कर गर्जना,छप्पन इंची सीने वाले […]

जबसे सोशल मीडिया का चलन बढ़ा है।हिन्दी लेखकों की बाढ़ सी आ गयी है ।यह एक अच्छी और सकारात्मक क्रेज के तौर पर उभर रहा है, जिसमें कई अच्छे लेखक उभरे हैं।आज हर कोई सोशल साइट पर लिखने की कोशिश करता रहता है।अखवारों ने अलग से पेज डाला है । […]

मेरे खून में वही रवानी देख लेना देश के काम आए जवानी देख लेना निसार दुं जान भी मैं वतन के लिए बाद मरने के मेरे कहानी देख लेना मंदिर में आरती मस्जिद की अज़ान शाम होती है कितनी सुहानी देख लेना जिसकी बुनियाद पर टिकी वो मीनार अपनी नजरों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।