घोर कलियुग का दौर है छाया हाहाकार ने शोर मचाया कोरोना ने हम सबको रुलाया हाथरस की पड़ गई काली छाया विकारों का परिणाम यही है भाई अबलाओं पर वज्रपात यही है भाई रक्षा को नारी की हाथ बढाओ चरित्र निर्माण की अलख जगाओ यही उपाय बस एक बचा है […]

विचारों की परिपक्वता, विस्तार का आभामंडल, सत्य के लिए संघर्ष, सत्य कहने के कारण नकारे जाने का भी जहाँ भय नहीं, अहिंसावादी दृष्टिकोण, उदारवादी रवैय्या, आर्थिक सुधारों के पक्षधर और अंग्रेजों से लोहा लेने में जिन व्यावहारिक कूटनीतिक तरीकों को अपना कर राष्ट्र के स्वाधीनता समर में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका […]

पृथ्वी से सीखो, धीरज रखना सुख दुःख सारे हंसकर सहना। अम्बर से सीखो ,सबको ढकना, अपना पराया कभी ना करना। नदियों से सीखो,हर पल चलना, थक हार कर कभी ना रुकना। पर्वत से सीखो,सिर उठा कर जीना, दुष्टों के आगे कभी मत झुकना। चींटी से सीखो ,मेहनत करना, जीवन में […]

सदा सकारात्मक सोच रखिए सकारात्मकता के पथ पर चलिए सकारात्मकता से बढ़ती मिठास है समाज के लिए यह वरदान है सकारात्मकता सदराह दिखाती लक्ष्य मंजिल को पास ले आती नहीं तनिक होती हानि इसमें सदगुणों की सारी कहानी इसमें सकारात्मक सोच का करो संकल्प यही है सदजीवन का ठोस प्रकल्प […]

आगरा | श्रीमती के. डी. कान्वेंट स्कूल, ग्राम बमरौली के प्रांगण में एक सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया | जिसमें वीर एकलव्य सेवा समिति की स्मारिका युवा धड़कन का विमोचन भाजपा विधायक श्री जीतेन्द्र वर्मा के कर कमलों से किया गया | स्मारिका के प्रधान सम्पादक हैं मुकेश कुमार […]

मिले जब गैरो से प्यार, और अपने समझे बेकार। तो ऐसी स्थिति में हम, किसे अपना समझे ? जब अपने ही अपनो को, लौटे जा रहे हो । और फिर भी एहसान वो जताये जा रहे हो। तो ऐसो को अपना कहना, बड़ी भूल ही होगी।। परायें तो परायें है, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।