क्यों एक पल भी तुम बिन रहा नहीं जाता। तुम्हारा एक दर्द भी मुझसे सहा नहीं जाता। क्यों इतना प्यार दिया तुमने मुझ को। की तुम बिन अब जिया नहीं जाता।। तुम्हारी याद आना भी कमाल होता है। कभी आकर देखना क्या हाल होता है। सपनो में आकर तुम चले […]

धर्मांतरण व लव जिहाद को रोकने के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया जाएगा। गोकशी के मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना जाएगा। गौ हत्यारों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए यदि आवश्यकता होगी तो वर्तमान कानून में आवश्यक संशोधन किया जाएगा। नूँह(मेवात) में आई आर बी की बटालियन स्थापित […]

ये जवानी क्या है तुम्हारी, उमड़ता हुआ है समन्दर। मुझे डर लगता है इससे कहीं डुबो न ले ये अन्दर।। ये आंखे क्या है तुम्हारी, नीली झील से भी गहरी। नौका विहार करे इसमें, जो दुनिया देखे हमें सारी।। ये आवाज क्या है तुम्हारी, कोयल से ज्यादा है प्यारी। जो […]

कोरोना की मार आज के समय में अपने चरम पर पहुँच रही है। पूरा विश्व इस गंभीर समस्या से पीड़ित है। कोई भी देश ऐसा नहीं जोकि इस महामारी से अछूता हो। कुछ देश बड़े पैमाने पर जान और माल दोनों की बड़ी क्षति झेल रहे हैं तो वहीं कुछ […]

…हाय मैंने तो अँजुरी भर खुशबू सहेज रखी थी औऱ भ्रम पाल बैठी कि फूल हैं खुशबू ही तो थी उड़ जाना ही था ,”उड़ गई ” फिर क्या फर्क पड़ता है मुट्ठियाँ खुली हो या भिंची। …तय तो ये हुआ था नजदीकियां इतनी रहनी हैं कि कोई डायरी पर्सनल […]

राजा दाहिर सेन सिंधु देश राज्य करने वाले अंतिम हिंदू राजा हुए जिनकी वीरता और पराक्रम से भारत भूमि कई दशकों तक सुरक्षित रही। सन 663 से 712 ईसवी तक राजा दाहिर ने सफल शासन किया। इनसे पहले सिंध के राजा चंद्रसेन बौद्ध बन गए थे। बौद्ध भिक्षुओं के प्रति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।