धारण करती है सदा, जल थल का संसार। जननी जैसे पालती, धरती जीवन धार।। भूमि उर्वरा देश की, उपजे वीर सपूत। भारत माँ सम्मान हित,हो कुर्बान अकूत।। पृथ्वी, पर्यावरण की , रक्षा कर इन्सान। बिगड़ेगा यदि संतुलन,जीवन खतरे जान।। धरा हमारी मातु सम, हम है इसके लाल। रीत निभे बलिदान […]