वह बालक गरीब है उसका क्या कसूर पेट के लिए बर्तन धोता है दफ्तरों मे चाय लाता है सर्द मौसम मे नंगे पैर,फटेहाल कपड़े फिर भी वह खुश है इस कड़ी मेहनत से उसे मलाल होता है तब जब बाल श्रम कानून के सरकारी बाबू,अफसर उसे उसके नाम से नही […]

3 दिसंबर विश्व विकलांग दिवस पर विशेष रचनाएं …… गिरने न दिया हमको हर बार संभाला हैं खुदा तेरा भी खेल बडा ही निराला  हैं । जमाना कैसे समझें हमारी हकीकत को अपने सांचे  में खुदा  ने हमें ऐसा ढाला हैं ।। लोगो ने सवालों को इस तरह उछाला हैं […]

भौतिक संसाधनों की कमी नही पैसो की कमी कभी जानी नही इशारा करते ही हर बात हो जाये बड़ी शक्ति भी कदमो मे आ जाये फिर ऐसा क्या है जो चैन नही है मन फिर भी क्यो शांत नही है दिल की धड़कने बड़ी हुई है चेहरे पर बेचैनी छाई […]

परमात्मा पर जब निश्चय करना सीख जाओगे परमात्मा तुम्हारे साथ तभी से खड़े हो जाएंगे एक बार सच्चे मन से परमात्मा को याद करो जो भी दुख है जीवन मे वे पल मे दूर हो जाएंगे परमात्मा है पिता हमारा सबका भला वह चाहता उनको जब भी पुकारो वह दौड़े […]

न्यारा और प्यारा बनने को सच्ची प्रीत लगानी होगी परमात्म ज्ञान फैलाने को नई नई पौध लगानी होगी परमात्म पिता से पढ़ने को कक्षा नियमित सजानी होगी ईश्वरीय ज्ञान मिले सभी को ऐसी धुन बजानी होगी परमात्म समान गुणवान हो ऐसी रीति अपनानी होगी पता चल जाये तीनो कालो का […]

ओम शब्द मे स्थित हो मिल जाती है शांति ओम शांति अभिवादन भी शांत स्वरूप आत्मा भी निश्चय बुद्धि रहे परमात्मा से ऐसा बीज मन्त्र करिश्मा भी परमात्मा  पिता भी, गुरु भी हमे पढ़ाता भी, सीखाता भी दुःख हरता भी,सुख दाता भी विकारमुक्त कर पवित्र बनाता भी शिव शक्ति हमे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।