पुराना साल जाने वाले है,उनको अलविदा नया साल आने वाले है, उनको नमस्कार।। कैसे-कैसे  कठिनईयां आई पुराने साल में कैसे-कैसे   घटना-घटी जिंदगी की राहे  में कुछ गलतियाँ हुई  पुराने साल में,अनजान कुछ सिख की नई अनुभव मिली इस जहाँ में।। कुछ दोस्त बने पुराने साल की इस सफर में कुछ […]

नये साल की पावन वेला में प्राची ने अरुणिमा विखरायी है ललितकलाओं में श्रेष्ठ साहित्य उसमें भी काव्य रंगोली छायी है कविकोविद वाल्मीकि तुलसी दिनकर नीरज पंवार तक आयी लूटती वाहवाही श्रोताओं की उनके हृदय पटल में समायी है ।   बदल रहे हम साल दर साल कलेंडर पर कलेंडर […]

खोखले हो गए परिवार , चर गई दीमक रिश्तों को .. सह कुटुंब का अस्तित्व कहां गया ? दूर कहीं किताबों में … या बड़े -बूढ़ों की यादों में.. पहले एक ही छत के नीचे , एक ही चूल्हे पर , पकता था प्यार ! अगाध स्नेह… जो झलकता था […]

माँ के प्यार का न है कोई जवाब ! न ही उसकी कोई कीमत न हिसाब !! माँ पूर्ण शब्द है ! ग्रंथ है ,महाविद्यालय है ! यह मंत्र बीज है ,हर सृजनता का आधार है “माँ “!! जिसकी कोई उपमा न दी जा सके उसका नाम है “माँ” !! […]

आज माँ के साथ  दीवाली की  सफाई मे  मैं हाथ बंटा रही थी | यकायक सफाई करते-करते एक छोटा बक्सा हाथ लगा। “माँ से पुछा,तो माँ हल्का मुस्कुरा कर बोली”,  ये…..ये मेरी और तेरे पापा की वो यादें हैं, जिन्हें देख हमारे लबो पे मुस्कुराहट आ जाती है। मैंने झट […]

तारीखों पे लिखें जो कोई नज़्म,तो काफि बातें याद आती हैं। कहीं ख़ुशी तो कहीं गम भरी तारीखें याद आती हैं। खुशी की हो या हो गम की,तारीख़ तो निकल जाती है। नई तारीख़ के साथ नई सुबह, सूरज की किरणों संग हमारे द्वारे दस्तक दे जाती है। फिर एक […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।