तीन रंग से बना तिरंगा, ये आत्मा है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll सीमा पर लहराता तिरंगा, पहचान है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll कभी झुकने न देना तिरंगा, बलिदानी इज्जत है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll सैनिक की शौर्य गाथा तिरंगा, ये अमर वीरता है अपनीl तिरंगा शान है […]

(भारतीय सेना दिवस विशेष) मरने का शौक नहीं मुझे भी, जीवन से मुझको प्यार है। पर डरता नहीं जरा भी मैं, बस अपना भी एक परिवार है॥ गोलियां छूती हैं जब कानों को, बच्चों का चेहरा नजर आ जाता है। चुभती है जब गोली कहीं, मां के आंसू का डर […]

भाषणों का जहर घुला था, मनभावन एक शहर जला था। हो रही थी अनर्गल बातें, जय जयकारों का शोर मचा था। फिर शब्दों के बाण छूटे, और द्वैष की एक लहर उठी। जैसे शांत खड़ी उस भीड़ की, संयम की मर्यादा टूटी। कल तक जो भाई थे, उन पे भाई […]

बड़ी भीड़ थी वहां, कुछ शोर भी मच रहा था। जो देखा आगे जाकर इंसानियत का अंतिम संस्कार हो रहा था। बड़ा घृणित मंजर था वह, एक महापाप हो रहा था। वहशी बने खड़े थे कुछ लोग, एक मासूम मृत-सा वहीं पड़ा था। उसके हाथों में एक खाने की थैली […]

जीवन के बेगाने गाने, गुनगुनाता,आगे बढ़ता जाता हूं। मुस्काता हूं,सावन को मुठ्ठी में भरकर, चलता हूं,फिर गाता हूं॥ सकारात्मक चिंतन संभव, पूरे होते मानव के अभीष्ट सभी। सत्यम्,शिवम्,सुन्दरम् और, प्रसन्न होते ईष्ट सभी॥ मैं उठता हूं अपने पैरों, सुमनों को जल दे आता हूं। मुस्काता हूं,सावन को मुठ्ठी में भरकर, […]

पचपन में भी, बचपन का मन जिंदा रहना चाहिए। आसमान के हर कोने में, पंख सुनहरे सपनों वाला परिंदा रहना चाहिए॥ सौ सुनहरे तारों पर भी, आसमां में सबका मनहर चंदा रहना चाहिए। सागर की सौ लहरें फिर भी जीवन हर पल जिंदा रहना चाहिए॥ अल्हड़पन और मस्ती खातिर, दिल […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।