सुबह के आठ बजने को थे। रमा अपने दोनों बच्चों का टिफिन बनाकर उन्हें स्कूल बस में बैठाकर लौटी ही थी कि तभी फ़ोन घनघना उठा। बुरा सा मुँह बनाकर उसने फोन उठाया । वह समझ गई थी कि मायके से उसकी मां का फोन ही होगा। मौके – बे […]

अजीब सी बेचैनी बढ़ती चली जा रही थी , कई बार उठकर कई गिलास पानी पीने के बाद भी आग्रह को शांति नहीं मिल रही थी , एक तो गर्मी ऊपर से मेवा का अपने मायके चला जाना ! जब तक कोई जिंदगी में ना आये तब तक हर छोटी […]

निगाहें खामोश हैं ,, आहें खामोश हैं , खामोश हैं वे रास्ते, जहाँ से शहीद गुजरे हैं। घर -द्वार खामोश है , गाँव-नगर खामोश है , खामोश है वो पत्नी , जिसकी माँग में अँगारे दहक रहे हैं । खामोश हैं पिता को पुकारते होंठ. , खामोश हैं गोदी को […]

यूँ रहना जहां में है दुश्कर  अकेले, न अर्थी उठे है न छप्पर अकेले। जो तन्हाइयों से मुहब्बत है कर ली, है लगता नही अब मुझे डर अकेले। समां गुफ्तगू का बनाते चलो जी, जो चलना हो लंबे सफ़र पर अकेले। हमें करके महनत है कल अपना लिखना, न कुछ कर […]

चीखों मत…. मत चीखो..! अनसुना कर दिया जायेगा- हर बेबस चीख को। अनदेखा कर दिया जायेगा – झरते आँसुओं को। चुप रहो! मचलता है शैतान, चीख से। बन जायेगा बाहुबली – तुम्हारे आँसुओं में भींगकर। ऊर्जावान बना देगा उन्हें – तुम्हें निरीह, निरापद चिन्हित करने वाला प्रत्येक लक्षण। सुनो! चीखो […]

1…चावल रोटी और तरकारी बीती इसमें उम्र हमारी 2- जब से उसमें सियासत आई नहीं रहा वो भाई भाई…. 3- उस ज्योतिष ने क्या -क्या देखा नहीं दिखी पर हाथ की रेखा… 4- पत्नी माँ बेटी पे कविता रो रही लेकिन घर की सीता… #डॉ.जियाउर रहमान जाफरी  परिचय : डॉ.जियाउर रहमान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।