जितना मिला मुझसे, सारे दे दो एक चाँद और चंद सितारे दे दो ढाँपा था जिससे तेरे पतझड़ को मुझे वो सब के सब बहारें दे दो खुली छत की वो गर्मी की रातें एक कंबल में लिपटी जाड़े दे दो वो धूप के लड़ियों की कतारें मुझे काश्मीर की […]
रिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है सो हर एक से ही फासला बनाते रहिए कितनी तामील हो पाएगी,मलाल नहीं आप तो रोज़ नया फैसला सुनाते रहिए खुद ही कहिए और खुद ही सुना कीजिए इस तरह अपना हौसला जुटाते रहिए कभी घर के अन्दर,कभी घर के बाहर अपनी हरकतों […]
बादल बना है फिर सवाली आसमाँ क्यों खाली-खाली किसने लूटा है गुलिस्तां को बिखरा हुआ है डाली-डाली किस-किस से करे हिफाज़त डरा हुआ हर माली-माली चाँद खा गया सेंक के कोई रात रह गई काली-काली उम्मीदें मर गईं चिल्ला के खूँ से भरा है थाली-थाली मंदिर-मस्जिद तोड़-ताड़ के अब बोलते […]
बंजर में फूल खिल गया है कोई अपना दिल हार के गया है कोई उदास सा लगता है खुदा कोई बच्चा मन मार के गया है कोई माँ अधमरी हो गई दफ़अतन कलेजा फाड़ के गया है कोई तुम्हारी छतों पे सूरज दिखे है अपनी धूपें लार के गया कोई […]
यह जो नया शहर बसा है यहाँ कहीं कोई गाँव तो उजड़ा होगा ज़मीं बेआबरू होकर बंजर हुई टिड्डों का काफिला गुज़रा होगा शेख साहब महफ़िल में आ बैठे अब दुआओं में भी मुजरा होगा यहाँ हवाएँ बहुत शान्त लगती हैं पास जरूर दर्द का हुजरा* होगा दो लोग बैठे […]
जो रहगुज़र हो जाए तेरे तन बदन का मुझे वही झमझमाती बारिश कर दो तुमसे मिलते ही यक ब यक पूरी हो जाए मुझे वही मद भरी ख़्वाहिश कर दो जो रुकती न हो किसी भी फ़ाइल में मेरी उसी “साहेब” से गुजारिश कर दो गर लैला-मजनूँ ही मिशाल हैं […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।