आतंकी संगठन आईएसआईएस पूरे विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है जोकि किसी भी आतंकी गतिविधि का सबसे बड़ा संगठन है जिससे पूरी दुनिया को एक जुट होकर निपटने की आवश्यकता है। इसी मुहिम में आईएसआईएस के विरूद्ध खुलकर मुकाबला करने वाला संगठन कुर्दिश लड़ाका सीरियाई डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज यानी एसडीएफ़ […]

सौलह कलाओं वाले चन्द्रमा की रात शरद पूर्णिमा अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। शरद पूर्णिमा का हिन्दु धर्म में विशेष महत्‍व है। ऐसी मान्‍यता है कि शरद पूर्णिमा का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा […]

आश्विन माह में शरद पूर्णिमा के दिन महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था। वाल्मीकि वैदिक काल के महान गुरु, यथार्थवादी और चतुर्दशी ऋषि हैं। महर्षि वाल्मीकि को कई भाषाओं का ज्ञान था। संसार का पहला महाकाव्य रामायण लिखकर आदि कवि होने का गौरव पाया। वाल्मीकि ने कठोर तप के पश्चात […]

वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। सत्ता का लोभ एवं कुर्सी की चेष्टा किस स्तर तक जा सकती है इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती, सियासत की ऐसी उठा-पठक की जिसको देखने के बाद देश की जनता सोचने पर विवश एवं मजबूर हो रही है कि क्या ऐसा भी […]

बिहार के लोग इसमें सत्तू भरकर और भी जायकेदार और स्वास्थ्यवर्द्धक बनाने लगे। अब बाटी का विविध रूपों में विस्तार अधिकतर रसोईं घरों तक हो गया है। सफर के लिए तो यह सर्व सुलभ और अति लोकप्रिय है। #नीति सिंह प्रेरणा प्रयागराज(उत्तर प्रदेश) Post Views: 533

आइए आज दशहरे पर दो बातों पर ध्यान देते हैं: पहली, दशमलव प्रणाली में मूलभूत संख्याएँ दस ही हैं – शून्य से लेकर नौ तक। इतने ही महापंडित ज्ञानी रावण के मुख भी हैं। बाकी सारी संख्याएँ इन्हीं दस संख्याओं से बनी हैं। संख्याएँ जहाँ तक जा सकती हैं वहां […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।