वैदिक संस्कृति में उल्लेखित कर्म का सिध्दान्त देश के राजनैतिक परिदृश्य में भी देखने को मिल रहा है। दलगत अखाडों के पहलवान ताल ठोक रहे हैं। जोर आजमाइश में हर तरह के दांव-पेंच अपनाये जा रहे हैं। चुनावी समर में जायज-नाजायज का अंतर मिट गया है। उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने […]

बर्फ की चादर को ओढ़कर मन्द – मन्द मुस्कुराता हुआ सेला पास । सेला दर्रा या से ला (ला का मतलब है- दर्रा ) भारत के खूबसूरत राज्य अरुणाचल प्रदेश के तवांग ज़िले और पश्चिम कमेंग ज़िले के मध्य अवस्थित एक उच्च तुंगता वाला पहाड़ी दर्रा है। इसकी ऊँचाई 4,170 […]

दरवाजे की घंटी ने गायत्री मंत्र के मधुर घ्वनि से सारे घर को गुंजायमान कर दिया था । यह घंटी अब कभी-कभी ही बजती है पर जब बजती है तो सारे घर को देवालय बना देती है । मैंने बड़ी ही उत्सुकता से दरवाजा खोला था । दरवाजा खोलते ही […]

अदालतों में अंग्रेजी की गुलामी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत की न्याय-प्रणाली के बारे में ऐसी बातें कह दी हैं, जो आज तक किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने नहीं कही। वे जबलपुर में न्यायाधीशों के एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कानून, न्याय और अदालतों के बारे में […]

लोकतंत्र का वास्तविक अर्थ विकेन्द्रीकृत व्यवस्था की स्थापना से जुडा है। सत्ता से लेकर विकास के मापदण्डों तक यही सिध्दान्त लागू होना चाहिए ताकि समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति तक सुविधायें और संसाधनों की सीधी पहुंच हो सकेगी। लगभग 138 करोड नागरिकों वाले देश में संवैधानिक व्यवस्थायें निरंतर […]

मातृभाषा दिवस के अवसर पर विशेष विचार श्रृंखला – भाग 2 यूपी बोर्ड की परीक्षा में आठ लाख विद्यार्थियों का हिन्दी में फेल होने का समाचार 2020 में सुर्खियों में था. कुछ दिन बाद जब यूपीपीएससी का रेजल्ट आया तो उसमें भी दो तिहाई से अधिक अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।