याद आ रहे है हमे, वो बचपन के दिन। जिसमे न कोई चिंता, और न ही कोई गम। जब जैसा जहां मिला, खा पीर हो गए मस्त। न कोई जाति का झंझट, न कोई ऊंच नीच का भेद। सब से मिलकर रहते थे, जैसे अपनो के बीच । पर जैसे-2 […]

मंत्रीजी घंटा बजाकर अपने पूजागृह से एक हाथ लम्बा तिलक लगाकर बाहर आये ही थे कि उनका सहायक हाँफता हुआ उनके सामने आ गया | ‘अरे! काहे हाँफत हो… आसमान फट गया क्या?’ ‘साबजी – साब जी… बड़ा अनर्थ हो गया | जनपद में पुलिस ने बड़ी बर्बरता से बेचारे […]

नई दिल्ली। नवम्बर, 17, 2019। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने आज साफ किया है कि श्री राम जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण हेतु किसी प्रकार का धन संग्रह नहीं किया जा रहा है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्री मिलिंद परांडे ने आज एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि विश्व हिंदू […]

स्वर्ग यही,नरक यही जो सोच लो वही सही अच्छा सोचोगे अच्छा होगा बुरा सोचोगे बुरा होगा चाहते हो अगर अच्छा हो मन भी हमारा सच्चा हो हम सच ही सच अपनाये स्वयं सचमय ही हो जाए एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा स्वयं को समझ परमात्म बच्चा झूठ स्वतः मिट […]

सशक्त है बदलाव में धरा का दर्द ज्ञात नहीं जुड़ाव संस्कृति से था जो वो हमे अब भाता नहीं बदलाव सिर्फ बदलाव अच्छे से बुरे की ओर जा रहे ओर मान रहे बदलाव इस बदलाव ने धरा का छीन लिया मान दर्द सिर्फ धरा का नहीं शीन हो गए सभी […]

गुजर जाएगी जिंदगी, मोहब्बत करते करते। निकल जायेंगे गम, मोहब्बत करते करते। संभल जाऊंगा में अब, मोहब्बत करते करते। भूल जाऊंगा पुरानी यादें, मोहब्बत करते करते। बसाऊंगा नई जिंदगी, मोहब्बत करते करते। मिला है दोस्त हमे, मोहब्बत करते करते। बनी है जो मेरी संगनी, मोहब्बत करते करते। बदल कर रख […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।