नदिया न पिये, कभी अपना जल। वृक्ष न खाए, कभी अपना फल। सभी को देते रहते, सदा ही वो फल और जल। नदिया न पिये कभी…।। न वो देखे जात पात, और न देखे छोटा बड़ा। न करते वो भेद भाव, और न देखे अमीरी गरीबी। सदा ही रखते समान […]
बैशाखी किसी की लो नही स्वावलंबी होना श्रेष्ठ आधार खुद्दारी भरा जीवन अच्छा खोये कभी ना स्वमान विचार उसी एक को अपना बनाइये जिससे चलता सारा संसार पिता,शिक्षक, गुरु वही है लगाता वही सबकी वैतरणी पार जिसे भरोसा है उसी एक पर उसी का जीवन सुखमय संसार विश्वास कीजिए वह […]
छोड़ो भी सियासत की बातें करते रहो चाहत की बातें साथी सभी को अपना बना लो करो भी जरा इबादत की बातें गद्दार मुल्क को खोखला कर रहे करो तुम जरा हिफाजत की बातें हिंदु, मुसलमान हैं आखिर इंसान करना नहीं कभी अदावत की बातें बुजुर्गों से भला कैसी नाराजगी […]
ज़िन्दा मेरे वजूद की कहानी लगे मुझेउनके बगैर जिंदगी भी बेमानी लगे मुझे। उनकी मोहबतो के ही दम जीये मगर,गम दीदा ख्वाइशों की जुबानी लगे मुझे । दिलकी तडप ने पहोचाया उस मकाम पर,मिलने की ही उमीद पे रूहानी लगे मुझे। मेरा नसीब खींचके वहीं लाया तेरी तरफ,बिमारे जांबलब की ही निशानी लगे […]
चौदह वर्ष का वनवास केवल राम,सीता और लक्ष्मण ने नही झेला….. उनके साथ उर्मिला,भरत और माता कौशल्या और सुमित्रा ने भी भोगा वनवास,,,, अपने प्रियजनों के बिछोह का! जिसकी पीड़ा केवल शब्दों में व्यक्त नही हो सकती! वनवास उर्मिला को भी मिला पति से विरह का, भरत को भाई के […]
“ देहाती काव्याभिनन्दन ” लघुकाव्य पुस्तिका है, जिसकी रचनाएं सीधे हृदयतल तक कम्पन करा दें | करीब सत्रह (17) रचनाकारों ने युवाकवि अतुल मल्लिक अनजान के संपादन में वरिष्ठ साहित्यकार श्री विश्वनाथ दास देहाती के सम्मान में कलम चलाई है | बहुत ही सुंदर तरीके से अत्याधिक मेहनत से अनजान […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।