परिवर्तन का जोश भरा था, कुर्बानी के तेवर में। सब कुछ हमने लुटा दिया था, आजादी के जवर में।। हम खुशनसीब हैं कि इस वर्ष 26 जनवरी को 71वाँ गणतन्त्र दिवस मना रहे हैं। 15 अगस्त सन् 1947 को पायी हुई आजादी कानूनी रूप से इसी दिन पूर्णता को प्राप्त […]

आरंभ जिस गली में, कभी प्रेम का हुआ था.. अंकुर ह्रदय की भूमि पर, जिस क्षण जहाँ बुआ था.. उसी गली में बाद बरसों, उन्हीं से हम टकराए हैं… उसी तरह मिलाकर नजर, फिर से वो झूकाए हैं… बस दौर ए प्यार में, इतना सा फ़र्क आया है.. जिस कांधे […]

बस अभी जगा हूँ , सपनो के भवर जाल से, कदम अभी चले है,जो फॅसे थे मकड़जाल में, मन की जकड़न ने भी अभी अंगड़ाई ली है। पैरो की बेड़ियों ने भी अभी पैरो को रिहाई दी है।। ह्रदय की धड़कन ने भी तोड़े है अब भय के जाले, मंजिल […]

छोड़ दिया साथ तुमने, तो क्या में मार जाऊंगा। अब में दिल किसी और से लगाऊंगा नहीं। मुझको अब तक जितने मिले साथी। सब के सब वो दिल से खेलने वाले थे। गैरो की हम क्यों बात करे हम तो अपनो के हाथों ही लूटे।। दिल टूटने पर में मरने […]

जल,जंगल,जमीन की लड़ाई हमे हमारा अधिकार दो भाई जीने का सबको यहां हक है हम यही के है क्या कोई शक है हम गांधी मार्ग के है अनुयायी अहिंसा से ही सब मुहिम चलाई वनाधिकार आंदोलन रंग लाया राजस्थान तक इसे पहुंचाया तरुण भारत ने भी मान दिया किशोर उपाध्याय […]

हम बड़े ना तुम,बड़ा रब, ख़ानदानी है। डींग मारें हम भले वो आसमानी है।-01 * मौत आती सामने जब,बच न पायें तब, ज़िन्दगी अपनी कहें,दो बूंद पानी है।-02 * ठोकरों के बाद भी जो,यार संभले ना, खामखां वो गिर रहे ये ज़िन्दगानी है।-03 * यार कोई आसमां सा, है नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।