रंग,अबीर,गुलाल से खेलों मनमुटाव रंगों से धोलो लो छल, कपट,प्रपंच सब छोड़ो प्रेमभाव की जय अब बोलो भक्त प्रहलाद बनकर जी लो परमात्म याद का अमृत पी लो बुराई कही कोई रह न जाएं ऐसे सदसंकल्प अपना लो व्यसन ,फूहड़ता,हुड़दंग न हो रंजिश, हिंसा,उत्पात न हो शांति, भाईचारे की मिशाल […]

दो महीने हो गये। शांति देवी की हालत में कुछ भी सुधार ना हुआ। पुरुषोत्तम बाबू को उनके मित्रों और रिश्तेदारों ने सुझाव दिया कि एक बार अपनी पत्नी को मनोचिकित्सक से दिखवा लें। पुरुषोत्तम बाबू को सुझाव सही लगा। अगले ही दिन अपने बड़े पुत्र सौरभ एवं पुत्रवधू संध्या […]

कौन कहता है महिलाएं कमजोर हैं यह तो सिर्फ हमारी सोच है ,जिनसे हमें शिकायत है वह कहते हैं घर में सभी बराबर हैं वह स्वयं को कमजोर क्यों समझती है ?बिल्कुल ठीक कहते हैं। अपना सम्मान करना हम नहीं जानते और अपेक्षा करते हैं उनसे जिन्हे कभी ये महसूस […]

आओ हम सब, मिलकर मनाएं होली। अपनों को स्नेहप्यार का, रंग लगाये हम। चारो ओर होली का रंग, और अपने संग है। तो क्यों न एकदूजे को, रंग लगाए हम। आओ मिलकर मनाये, रंगो की होली हम।। राधा का रंग और कान्हा की पिचकारी। प्यार के रंग से , रंग […]

भाभी के संग होली रंगे रंग जीजा के संग खूब जमें रंग सारा रा रा रा। छोटू मोटू बेटू यार के संग सखी सहेली खूब लगाये एक दूजे को रंग सारा रा रा रा। गुलाल उड़े पिचकारी भरे रंग जीजा साला दोनो नाचे पीके लोटा लोटा भंग सारा रा रा […]

जंगल के राजा शेर ने एक सभा बुलाई । प्रहलाद की भक्ति होली की बात बताई ।। हम सभी खेलेंगे कल होली लेकर अंगडाई । पर रखना यह ध्यान न हो झगड़े – लड़ाई ।। द्वेषता-नफरत से ही हमेशा मुशीबत आई । रहें जंगल में मंगल तो करों सबकी भलाई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।