मां पर सभी कवि लिखते हैं, मौसी पर कभी नहीं लिखते है। मौसी भी तो मां जैसी है पर उस पर क्यो नहीं हम लिखते है ? मौसी भी तो मां के समान है, उसका भी तुम सम्मान करो। देखो उनमें कितना प्यार है, उस पर तुम अभिमान करो।। मां […]

देवता हो या फिर हो मानव मां रखती है समान ही भाव ममत्व उसका देवत्व पर भारी उकमणी की यही थी लाचारी पुत्र प्रद्युम्न का हरण हुआ मां रुकमणी का रुदन हुआ तीनो लोक की ज्ञाता रुकमणी पुत्र सुरक्षित है जानती रुक्मणी मां के मन को कौन समझाये प्रद्युम्न बिना […]

हिंदी से जुड़े कई मंचों पर एक चर्चा हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महेंद्र सिंह धोनी को जो पत्र लिखा है वह अंग्रेजी में क्यों लिखा गया है, हिंदी में क्यों नही? यह इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि प्रधानमंत्री सामान्य वार्तालाप हिंदी में करते हैं, […]

कोरोना ने सीखा दिया सबको अकेला रहना यही एक उपाय बचा बस दूरी बनाकर रहना चेहरे पर मास्क लगाना भीड़ में कतई मत जाना हाथ धोना भूल न जाना सबको यही तो है बताना खुद कोरोना मुक्त रहना दूसरो को भी बचाना जनहित का यही मन्त्र खुद हंसना दूसरो को […]

मैं भी हूं तन्हा,तुम भी हो तन्हा। चले उस जगह,जहा दोनों हो तन्हा।। सूरज भी है तन्हा,चांद भी है तन्हा। करते है सफर आसमां में वे तन्हा।। चलो तन्हाई को रुकसत करे हम दोनों। घर बसाए कहीं चलकर हम दोनों तन्हा।। मेरी जान भी तन्हा,तेरा जहां भी तन्हा। छोड़ कर […]

देखो देखो लोगो बैंकों का क्या हाल हो गया। लोगो के पैसे जमा होते हुए भी बैंक कंगाल हो गया। मध्यमवर्ग वालो की कमाई व्यापारी लेकर फरार हो गया। और चूना बैंकको के साथ ही मध्यमवर्गीयों को लगा गया। देखो देखो लोगो बैंकों का क्या हाल हो गया।। बहुत देखे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।